Jamshedpur: कोरोना की वजह से एक बार फिर उद्योगों पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. खासकर ऑटोमोबाइल कंपनियां कोरोना से कराहने लगी हैं. टाटा मोटर्स में लगातार एक के बाद एक ब्लॉक क्लोजर लिया जा रहा है. टाटा मोटर्स के साथ वाहनों के इंजन बनानेवाली कंपनी टाटा कमिंस में उत्पादन प्रभावित होने की वजह से बुधवार से तीन दिनों का ब्लॉक क्लोजर लिया गया है. कंपनी 19 से 21 मई तक बंद रहेगी. मंदी की वजह से वित्तीय वर्ष 2021-22 में अबतक टाटा मोटर्स 5 ब्लॉक क्लोजर ले चुकी है. इससे पहले 2020 में भी टाटा मोटर्स ने 20 दिन का ब्लॉक क्लोजर लिया था. बता दें कि कंपनी एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 39 ब्लॉक क्लोजर ले सकती है. सबसे चिंता की बात ये है कि टाटा मोटर्स के ब्लॉक क्लोजर का असर आदित्यपुर के 800 कंपनियों पर सीधा असर पड़ रहा है. और 50 हजार से ज्यादा मजदूर सीधे तौर पर प्रभावित हो रहे हैं.
2 महीने में 4 ब्लॉक क्लोजर
दरअसल टाटा मोटर्स के उत्पादन में काफी गिरावट आयी है. कंपनी में मांग के बावजूद उत्पादन नहीं हो रहा है. रॉ-मैटिरियल की कमी से भी उत्पादन प्रभावित हो रहा है. वित्तीय वर्ष 2021-22 में चार बार ब्लॉक-क्लोजर हो गया है. इससे पहले 12 मई, 4 और 5 मई और 28 और 30 अप्रैल को ब्लॉक क्लोजर हुआ था. 30 अप्रैल के ब्लॉक क्लोजर के बाद एक मई को मजदूर दिवस होने की वजह से कंपनी बंद रही, 2 मई को रविवार था इसलिए कंपनी बंद रही. 3 मई को वेलकम रिलीफ के कारण पूरे टाटा ग्रुप में काम नहीं हुआ था. इसके बाद 4 और 5 मई को दूसरा ब्लॉक क्लोजर लिया गया था. इस तरह पहले और दूसरे ब्लॉक क्लोजर के बीच 6 दिन तक कंपनी बंद रही थी.
कर्मचारियों के लीव से 50 फीसदी की होती है कटौती
ब्लॉक-क्लोजर के दौरान कर्मचारियों का पर्सनल लीव या कैजुअल लीव के 50 फीसदी की कटौती होती है. ब्लॉक-क्लोजर के दौरान 50 फीसदी वेतन कटेगा, जबकि पचास फीसदी ही वेतन मिलेगा. इस ब्लॉक-क्लोजर के दौरान जिस कर्मचारी या अधिकारी को ड्यूटी पर बुलाया जाएगा उन्हें अलग से इसकी सूचना दी जाएगी. अगर किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को ड्यूटी बुलाया जाता है और वह डयूटी नहीं आता है तो वैसे लोगों का पूरा दिन का वेतन कट जाएगा.
आदित्यपुर की 90 फीसदी कंपनियां टाटा मोटर्स पर निर्भर
ब्लॉक क्लोजर का सीधा असर आदित्यपुर इंडस्ट्रीयल एरिया में टाटा मोटर्स पर आश्रित 800 कंपनियों पर पड़ रहा है. आदित्यपुर इंडस्टियल एरिया में 90 प्रतिशत ऐसी कंपनियां हैं जो सीधे टाटा मोटर्स पर आश्रित हैं. इसके अलावा टाटा कमिंस, गोविंदपुर स्थित स्टील स्ट्रिप्स व्हीलस कंपनी शामिल है. आदित्यपुर की कंपनियां फोर्जिग, कास्टिंग, मशीन, रिम, नट-बोल्ट, रबर के सामान, कास्टिंग, फाइबर के सामानों की सप्लाई टाटा मोटर्स को करती है. इन कंपनियों में भी टाटा मोटर्स के बंद होने का सीधा असर दिख रहा है. कंपनियों के प्रत्यक्ष रूप से 50 हजार और अप्रत्यक्ष रूप से 1.50 लाख मजदूर सीधे तौर पर प्रभावित हो रहे हैं.