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शेयर बाजार निवेशकों पर बढ़ सकता है टैक्स का बोझ, कैपिटल गेन टैक्स में बदलाव की कवायद में सरकार

LagatarDesk : अगर आप भी शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है. आने वाले समय में निवेशकों पर टैक्स का बोझ बढ़ सकता है. दरअसल मोदी सरकार अगले बजट में कैपिटल गेन टैक्स में बदलाव कर सकती है. ताकि रेवेन्यू कलेक्शन बढ़ सके और कल्याणकारी योजनाओं को बढ़ावा मिल सके. विचार-विमर्श में शामिल दो अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी है.

शेयर बाजार की कमाई पर लगने वाला टैक्स नहीं होना चाहिए कम

रिपोर्ट के अनुसार, मोदी सरकार एडिशनल रेवेन्यू जेनरेट करके कई वेलफेयर स्कीम को लाने पर विचार कर रही है. इसलिए इस मामाले पर वित्त मंत्रालय विचार कर रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि शेयर बाजार से कमाई पैसिव इनकम की तरह है. ऐसे में शेयर बाजार की कमाई पर लगने वाला टैक्स रेट बिजनेस इनकम पर लगने वाले टैक्स के मुकाबले कम नहीं होना चाहिए. बिजनेस इनकम में कई रिस्क जुड़े होते हैं. यह रोजगार के भी अवसर देता है. इसे भी पढ़े : हर">https://lagatar.in/will-give-one-stadium-to-each-mla-send-recommendation-hafizul-hasan/">हर

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बदलाव लाने के लिए सरकार को कानून में करना होगा बदलाव

सूत्रों की मानें तो कैपिटल गेन टैक्स में किसी तरह का बदलाव लाने के लिए सरकार को कानून में बदलाव करना होगा. इसके लिए बजट सेशन सबसे उपयुक्त समय है. तब तक वित्त मंत्रालय इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करेगा. बता दें कि कुछ दिन पहले रेवेन्यू सेक्रेटरी तरुण बजाज ने इस बात की ओर संकेत दिया था. उन्होंने उस समय कहा था कि भारत में कैपिटल गेन टैक्स का स्ट्रक्चर बहुत पेचीदा है. इसपर विचार करने की जरूरत है. तरुण बजाज ने यह भी कहा था कि शेयर बाजार से 80 फीसदी कैपिटल गेन पाने वाले लोगों की सालाना इनकम 50 लाख से ज्यादा है. इसे भी पढ़े : पेटीएम">https://lagatar.in/paytm-payments-bank-denies-allegations-of-data-leak-from-china/">पेटीएम

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होल्डिंग पीरियड के आधार पर लगता है कैपिटल गेन पर टैक्स

बता दें कि कैपिटल गेन टैक्स दो तरह का होता है. पहला लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन और दूसरा शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन. अगर आप शेयर बाजार में 1 साल से ज्यादा के लिए निवेश करते हैं तो यह लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के दायरे में आता है. अगर आप 12 महीने से कम समय के लिए निवेश करते हैं तो यह शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन की कैटेगरी में आता है.  वर्तमान में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स 10 फीसदी है. 1 लाख तक लॉन्ग टर्म गेन टैक्स फ्री है. यह नियम 1 अप्रैल 2019 से लागू है. वहीं शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स 15 फीसदी होता है. इस तरह होल्डिंग पीरियड के आधार पर कैपिटल गेन पर टैक्स लगता है. इसे भी पढ़े : साढ़े">https://lagatar.in/rims-server-stalled-for-seven-and-a-half-hours-long-queue-at-registration-counter/">साढ़े

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