गुरु का सम्मान और उनके आदर्शों को आत्मसात करें : प्रो. डॉ. मुकुल नारायण देव
सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन के जन्मोत्सव सह शिक्षक दिवस पर विनोबा भावे विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग स्थित गोस्वामी तुलसीदास सभागार में सम्मान समारोह आयोजित किया गया. इस मौके पर विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. मुकुल नारायण देव ने अपने विद्यार्थी जीवन की गाथा विद्वतजनों और छात्र-छात्राओं के बीच साझा किया. उन्होंने गुरु का सम्मान करने और उनके बताए मार्गों का अनुशरण करने की बात कही. मुख्य अतिथि रांची विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के पूर्व प्राचार्य डॉ. नागेश्वर सिंह ने कहा कि जो सही राह दिखाए, वही गुरु हैं. डॉ. जंग बहादुर पांडे ने कहा कि गुरु परंपरा की पांच पीढ़ियां आज यहां एक साथ है, जो गर्व का विषय है. मार्खम कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. शिवदयाल सिंह ने कहा कि शिक्षक का उद्देश्य केवल धन अर्जन नहीं, विद्यार्थियों को संस्कारवान बनाना भी है. कॉमर्स कॉलेज पटना की डॉ. लक्ष्मी सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों को सदा गुरु चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लेते रहना चाहिए. उन्होंने कबीर वाणी सस्वर गायन प्रस्तुत किया. डॉ सोमर साहू ने कहा कि शिक्षक अपने शिष्य का जीवन गढ़ता है. पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. विमलेश्वर झा ने कहा कि सच्चे शिक्षक अपने विद्यार्थियों में जीते हैं. पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. विजय कांत दूबे ने डॉ. राधाकृष्णन के जीवनवृत्त पर प्रकाश डाला. डॉ मंजुला सांगा ने कहा कि समाज का शिल्पकार शिक्षक ही हैं. आगे कहा कि अवकाश प्राप्त शिक्षकों का सम्मान करना हिंदी विभाग का बड़प्पन दर्शाता है. वर्तमान विभाग अध्यक्ष डॉ. केदार सिंह ने कहा कि शिक्षक ही विद्यार्थियों का वास्तविक मार्गदर्शक है. डॉ. सुबोध सिंह शिवगीत ने कहा कि शिक्षकों को अपना कर्तव्य नहीं भूलना चाहिए. डॉ. केके गुप्ता ने कहा कि अब हम विश्व उन्मुखी हो गए हैं, जबकि विश्व हमारा मुख देखता था. डॉ. मिथिलेश सिंह ने कहा कि अनुशासन में रहने वाला छात्र ही सच्चा छात्र है. शोधार्थी सुजाता मिश्रा, मेधा प्रिया, अंजली कुमारी, गीता किरण एवं वंदना कुमारी ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया. सभी अतिथियों एवं पूर्व शिक्षकों को अंगवस्त्र एवं स्मृति पत्र देकर सम्मानित किया गया. स्वागत वक्तव्य डॉ. राजू राम और मंच संचालन डॉ. सुबोध सिंह शिवगीत ने किया. मौके पर डॉ. सुनील दुबे, डॉ. विनोद रंजन, डॉ. गंगानंद सिंह, डॉ. सामदेव सिंह, डॉ. एम जेड हक, डॉ. केदार सिंह, डॉ. केके गुप्ता, डॉ. सुनील दूबे, राजेश दूबे सहित हिंदी विभाग के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे.गुरु शिष्य की परंपरा के वाहक हैं विद्यार्थी : डॉ बालेश्वर
alt="" width="1024" height="768" /> विनोबा भावे विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग में सोमवार को शिक्षक दिवस के अवसर पर सम्मान से संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विभागाध्यक्ष डॉ. रीता कुमारी ने कहा कि विद्यार्थी अध्ययन, अनुशासन और आत्मसम्मान को जीवन का मूल मंत्र बनाकर आगे बढ़ें, तो निश्चित तौर पर सफलता मिलेगी. पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. बालेश्वर प्रसाद सिंह ने कहा कि विद्यार्थी गुरु शिष्य परंपरा के वाहक हैं, जो सदियों से भारत की विजय पताका लहराने का काम कर रहे हैं. पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. मार्गरेट लकड़ा ने कहा कि विभाग के मेरुदंड हैं, विद्यार्थी जो एक-दूसरे के पूरक हैं. कार्यक्रम को डॉ. सुकल्याण मोइत्रा, डॉ. प्रमोद कुमार, अजय बहादुर सिंह ने संबोधित करते हुए शिक्षक दिवस की महत्ता पर प्रकाश डाला. विद्यार्थियों में देवनाथ, परमेश्वर, श्वेता, स्वाति ने विभिन्न कार्यक्रमों की प्रस्तुति कर शिक्षकों का मन मोह लिया. कार्यक्रम का संचालन प्रिया और यशपाल राणा ने संयुक्त रूप से किया. मौके पर अंजन, बुटन, विकास, शक्ति अभिमन्यु समेत कई लोग उपस्थित थे.
डॉ. राधाकृष्णन का आदर्श शिक्षकों के लिए अनुकरणीय : डॉ शनींद्र
alt="" width="1280" height="720" /> अन्नदा कॉलेज हजारीबाग के राजनीति विज्ञान विभाग में शिक्षक दिवस के अवसर पर सोमवार को संगोष्ठी आयोजित की गई. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विभागाध्यक्ष डॉ. शनींद्र कुमार ने कहा कि डॉ. राधाकृष्णन महान शिक्षा शास्त्री, कुशल राजनीतिज्ञ और सफल राजनयिक थे. शिक्षकों के मान-सम्मान के प्रति वे आजीवन संवेदनशील रहे. उनके आदर्शों को अपनाकर ही सफलता की मंजिल पाई जा सकती है. उनकी विद्वता की गाथा सिर्फ देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी बड़ी आदर के साथ की जाती है. संगोष्ठी में डॉ. सूचोरिता घोष, डॉ. पंकज कुमार समेत कई विद्यार्थियों ने अपने विचार रखे. मौके पर भानू प्रताप दिवाकर, प्रवीण कुमार, तानिया खान, जोली सिंह, काजल कुमारी, आरती, रिंकी, सिंधु समेत कई विद्यार्थी उपस्थित थे.
निष्ठावान शिक्षकों के सानिध्य से होती है ज्ञान की प्राप्ति : मिथिलेश मिश्र
alt="" width="1280" height="551" /> गौतम बुद्ध शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में पांच सितंबर को शिक्षक दिवस के मौके पर देश के प्रथम उपराष्ट्रपति, द्वितीय राष्ट्रपति और आदर्श शिक्षक सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन की जयंती मनाई गई. इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि कॉलेज प्रबंधन समिति के सचिव मिथिलेश कुमार मिश्र ने अपने आशीर्वचन में कहा कि निष्ठावान शिक्षकों के सानिध्य से ही ज्ञान की प्राप्ति होती है. शिक्षक दिवस गौरव और उत्सव का दिन है. उन्होंने सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस पर नमन, आभार और बधाई देते हुए कहा कि शिक्षक न सिर्फ विद्यार्थियों को गढ़ते हैं, बल्कि डॉ. राधाकृष्णन ने यह दिखाया भी कि अपने सुकृत्यों से देश के सर्वोच्च पद पर आसीन भी हो सकते हैं. उनसे शिक्षकों को प्रेरणा लेने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि शिक्षकों का काम सीखना और सिखाना दोनों है. उन्होंने वर्तमान संदर्भ में कहा कि शिक्षक बनने की सोच को बदलना होगा. हाल के दिनों में शिक्षकों की गरिमा में गिरावट आयी है. आज के दिन यह संकल्प लेने की जरूरत है कि शिक्षक अपनी गरिमा को बरकरार रखें. बतौर विशिष्ट अतिथि कॉलेज प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि शिक्षक जीवन में अनुशासन सिखाते हैं. शिक्षकों को नैतिक और मानवीय मूल्यों की शिक्षा देने की जरूरत है. आज शिक्षा का व्यवसायीकरण हो रहा है. ऐसे में मानवीय गुणों का ह्रास हो रहा है. शिक्षकों से समाज को सर्वगुण शिक्षा मिलने की अपेक्षा है. योग्य शिक्षक समाज को नैतिक मूल्यों से गढ़ते हैं और मानवता से जुड़े पाठ पढ़ाकर नौनिहालों की प्रतिभा को निखारते हैं. बिना शिक्षक के समाज में क्रांति संभव नहीं है. उन्होंने सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन के आदर्शों को जीवन में आत्मसात करने का पाठ पढ़ाया. जिस दिन देश में शिक्षकों को सबसे अधिक सम्मान मिलेगा, सही मायने में उस दिन शिक्षक दिवस मनाने का औचित्य सफल होगा. कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अरविंद कुमार यादव ने कहा कि समाज शिक्षकों को श्रद्धा और सम्मान से देखता है. गुरु हमें अज्ञानता के अंधेरे से दूर कर उजाले की राह में ले जाते हैं, जिससे हमारा भविष्य उज्ज्वल हो जाता है. शिक्षक अपने दायित्वों का सही निर्वहन करें, तभी शिक्षक दिवस मनाने की सार्थकता होगी. गुरु का जिक्र वेद-पुराणों से लेकर साहित्यिक पुस्तकों तक में है. इस मर्म को समझने की जरूरत है. पहले शिक्षकों को खुद में सुधार लाने की जरूरत है, तभी समाज में परिवर्तन होगा. इससे पहले अतिथियों और प्राध्यापकों ने सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित और पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. केक काटकर प्रथम उपराष्ट्रपति की जयंती मनाई गई. कार्यक्रम में बीएड के प्रशिक्षु मुरारी मोहन पाठक और डीएलएड की प्रशिक्षु रचिता ने भी शिक्षक दिवस पर अपने-अपने अंदाज में विचार व्यक्त किया. इस मौके पर प्रशिक्षुओं ने अपने गुरुजनों और कॉलेज प्रबंधन की ओर से शिक्षकेत्तरों को उपहार भेंट किए गए. प्रशिक्षुओं ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया. इसमें स्वागत गान शांति मिश्र व समूह, प्रार्थना नृत्य मोलेन व समूह, गुरु वंदना शांति व विनीता, एकल नृत्य खुशबू कुमारी, समूह नृत्य राहुल कुमार व प्रशिक्षु और मिक्स डांस ज्योति व राहुल ने प्रस्तुत कर समां बांध दिया. मंच संचालन कशिश राज, मनीष कुमार व ज्योति सोनी तथा धन्यवाद ज्ञापन अलका सोरेंग ने किया. मौके पर उप प्राचार्य डॉ. प्रमोद प्रसाद, सहायक प्राध्यापक डॉ. बसुंधरा कुमारी, डॉ. पुष्पा कुमारी, एस.एस. मैती, परमेश्वर यादव, लीना कुमारी, अशोक कुमार सिन्हा, अब्राहम धान, गुलशन कुमार, महेश प्रसाद, दीपमाला, दिलीप कुमार सिंह, रचना कुमारी, जागेश्वर रजक, अनिल कुमार, दशरथ कुमार, संदीप खलखो, अन्नपूर्णा कुमारी सिंह, कनकलता, संदीप कुमार सिन्हा, रूपेश कुमार दास, शिक्षकेत्तरों में अंजन कुमार, नंद किशोर कुमार, संजय कुमार वर्मा, ज्योति हेम्मा एक्का, राजकुमार साव आदि उपस्थित थे.
मार्खम कॉलेज में उल्लास से मना शिक्षक दिवस समारोह
alt="" width="1032" height="502" /> मार्खम कॉलेज में शिक्षक दिवस की धूम रही. इसमें वाणिज्य विभाग समेत रसायनशास्त्र, इतिहास, अंग्रेजी, राजनीतिशास्त्र के विद्यार्थियों एवं एनएसएस के स्वयंसेवकों ने अपनी सहभागिता निभाई. समारोह का उद्घाटन सभी विभागों में केक काटकर किया गया. इस अवसर पर वाणिज्य विभाग में आयोजित समारोह में कॉलेज की प्रधानाचार्य डॉ. संध्या प्रेम ने कहा कि शिष्य का मार्गदर्शन गुरु करता है. शिष्य के अंदर समाहित असीम शक्ति का मार्गदर्शन कर गुरु शिष्य को सफलता दिलाते हैं. चाणक्य ने ठान ली थी कि चंद्रगुप्त को राज सिंहासन दिलाएगा, तो ऐसा कर दिखाया. कॉलेज के वाणिज्य विभागाध्यक्ष डॉ. बीडी त्रिवेदी ने कहा कि शिक्षा के लिए शिक्षण नहीं, बल्कि शिष्य अपनी विनम्रता एवं संस्कार से शिक्षा ग्रहण कर सकता है. गुरु की नजर में अलग पहचान बनाने के लिए शिष्य को अपने विचारों से प्रभावित करना होता है. इस अवसर पर कॉलेज के प्रोफेसर इंचार्ज डॉ. श्याम किशोर सिंह ने कहा कि छात्र अपने आचरण से कामयाबी पाते हैं. कॉलेज के प्रोग्राम ऑफिसर भोलानाथ सिंह ने कहा कि सभी विद्यार्थियों में असीम ऊर्जा होती है, उसे एक्टिव करने के लिए गुरु हमेशा तत्पर रहते हैं. उन्होंने गुरु-शिष्य के बीच ऊर्जा प्रवाह की वैज्ञानिक पद्धति से जानकारी दी. इस अवसर पर विभाग की शिक्षिका डॉ. अंतरा गुप्ता, डॉ. अनुभा तिर्की, डॉ रूपम कुमारी समेत छात्र -छात्राओं ने अपने विचार व्यक्त किए. मंच संचालन छात्रा प्रियंका कुमारी ने किया. इस अवसर पर छात्रों में मुख्य रूप से गुड्डू कुमार, दीपिका कुमारी, मनीषा कुमारी, नीतू कुमारी, अनुराग कुमार, आशीष कुमार, सोनू कुमार, हर्ष कुमार, आशा कुमारी एवं ओजस्वी कुमारी उपस्थित थे. इधर कॉलेज के रसायनशास्त्र विभाग में शिक्षक दिवस का आयोजन केक काटकर किया गया. इस अवसर पर विभागाध्यक्ष डॉ. आरके कर्ण, शिक्षक डॉ. एके तिवारी और भोला नाथ सिंह ने सभी छात्र -छात्राओं को उनके उज्जवल भविष्य की कामना की. समारोह में विभाग के छात्रों में मुख्य रूप से श्रवण कुमार राणा, शंकर कुमार, शुभम कुमार मिश्रा, विक्रम कुमार, विकास कुमार आदि उपस्थित थे. राजनीतिशास्त्र विभाग में विभागाध्यक्ष डॉ रंजीत कुमार, शिक्षक लाडली कुमारी, चंचला कुमारी एवं डॉ मिथिलेश कुमार समेत छात्रगण उपस्थित थे. इतिहास विभाग में विभागाध्यक्ष डॉ. चंदन कुमार, प्रोफेसर इंचार्ज डॉ. श्याम किशोर सिंह, जय गोविंद प्रसाद, नीतीन नीरज एवं छात्रगण उपस्थित थे. अंग्रेजी विभाग में विभागाध्यक्ष डॉ. आकांक्षा समेत छात्र एवं स्वयंसेवक उपस्थित थे. वोकेशनल सेल स्थित बीएमएलटी विभाग में भी शिक्षक दिवस का आयोजन किया गया. इसमें शिक्षिका शालिनी सिंह, विनीत कुमार कॉलेज के शिक्षक नवजीत शाहदेव, रणधीर कुमार, तान्या सिंह समेत छात्रगण उपस्थित थे. इसे भी पढ़ें : रांची:">https://lagatar.in/ranchi-cheated-in-the-name-of-electricity-bill-payment-cid-arrested-2-cyber-criminals/">रांची:
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