Mumbai : महाराष्ट्र की सत्ता गंवा चुके शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे के हाथ से ठाणे नगर निगम भी फिसल गया है. खबर है कि यहां शिवसेना के 67 में से 66 पार्षद एकनाथ शिंदे गुट में शामिल हो गये हैं. शिवसेना (ठाकरे )के लिए इसे करारा झटका माना जा रहा है. सूत्रों के अनुसार सभी 66 शिवसेना पार्षद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से उनके आवास पर मिले थे. जान लें कि मुंबई नगर निगम के बाद ठाणे नगर निगम महाराष्ट्र का दूसरा सबसे अहम और बड़ा निगम है. जानकारों का कहना है कि ठाणे में एकनाथ शिंदे की मजबूत पकड़ है.
उन्होंने अपनी राजनीति की शुरुआत भी ठाणे से की थी. बता दें कि शिंदे ने 1997 में ठाणे नगर निगम चुनाव में पार्षद का चुनाव जीता था. 2001 में नगर निगम में विपक्ष के नेता रह चुके हैं. 2002 में वे दूसरी बार निगम पार्षद बने. एकनाथ शिंदे 2004 में ठाणे विधानसभा सीट से चुनाव जीते थे. इस क्रम में 2009, 2014 और 2019 में ठाणे की कोपरी पछपाखडी सीट से चुनाव जीता और विधायक बने.
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शिवसेना से बगावत की और CM बन गये
महाराष्ट्र विधानपरिषद के चुनाव नतीजों के बाद एकनाथ शिंदे के सुर बगावती हो गये. वे उद्धव ठाकरे को गच्चा देते हुए शिवसेना के बागी विधायकों के साथ सूरत और फिर यहां से गुवाहाटी पहुंचे. यहां शिवसेना के और बागी विधायक भी उनके साथ जुड़ गये. शिवसेना में हुई टूट से महाराष्ट्र में बाजी पलट गयी. उद्धव के नेतृत्व वाली सरकार गिर गयी. इसके बाद एकनाथ शिंदे बीजेपी के समर्थन से राज्य के सीएम बन गये.
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