- -श्रद्धा के आगे झुकी महंगाई
- 30 रुपए प्रति किलो बिके आम लकड़ी
Ranchi : चार दिवसीय पवित्रता, श्रद्धा और लोक आस्था का प्रतीक छठ महापर्व शनिवार से नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया. व्रतियों ने इस दिन शुद्धता और सात्विकता का पालन करते हुए स्नान कर अरवा चावल, लौकी की सब्जी और चने की दाल का सेवन किया.
छठ पूजा को लेकर बाजारों में रौनक दिखी, लेकिन महंगाई ने श्रद्धालुओं की जेब पर बोझ डाल दिया. फिर भी आस्था के आगे सब फीका पड़ गया.इस महापर्व में न कीमत का असर, न मेहनत का ख्याल, क्योंकि यह पर्व समर्पण और श्रद्धा का प्रतीक माना जाता है.
भक्ति के आगे झुकी महंगाई
छठ प्रसाद तैयार करने में आम की लकड़ी और मिट्टी के चूल्हे का विशेष महत्व होता है. इस बार बाजार में आम की लकड़ी 300 रुपए प्रति बोझा और खुल्ले आम 30 रुपए प्रति किलो तक बिके. वहीं मिट्टी का चूल्हा 300 रुपए प्रति पीस तक पहुंच गया.ईख (कतारी) जो पहले 10-15 रुपए में मिलती थी, अब 40 रुपए में बिक रही है.
200 रूपये किलो बिका हल्दी और अदरख
सब्जियों के दाम भी आसमान छू रहे हैं गाजर और अदरक, जो आम दिनों में 40-60 रुपए किलो में मिलते थे, अब 200 रुपए प्रति किलो तक बिक रहे हैं. मिट्टी का ढक्कन, जो पहले 5-10 रुपए में सहज उपलब्ध था, अब 50 रुपए तक पहुंच गया.बढ़ती कीमतों के बावजूद श्रद्धालु पीछे नहीं हटे। व्रतियों ने कहा कि छठ मइया की पूजा में सच्चाई, शुद्धता और भक्ति सबसे बड़ी पूंजी होती है.कीमतें चाहे जितनी बढ़ जाएं, व्रत और संकल्प नहीं टूटना चाहिए
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