New Delhi : राहुल गांधी ने छठ महापर्व पर ट्रेनों में भारी भीड़ को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार यात्रियों को छठ पर्व मनाने घर जाने के लिए उचित संख्या में ट्रेनें भी उपलब्ध नहीं करा पा रही है.
त्योहारों का महीना है - दिवाली, भाईदूज, छठ।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 25, 2025
बिहार में इन त्योहारों का मतलब सिर्फ़ आस्था नहीं, घर लौटने की लालसा है - मिट्टी की खुशबू, परिवार का स्नेह, गांव का अपनापन।
लेकिन यह लालसा अब एक संघर्ष बन चुकी है। बिहार जाने वाली ट्रेनें ठसाठस भरी हैं, टिकट मिलना असंभव है, और सफ़र… pic.twitter.com/hjrYJJFJ0F
राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा, त्योहारों का महीना है...दिवाली, भाईदूज, छठ. बिहार में इन त्योहारों का मतलब सिर्फ़ आस्था नहीं, घर लौटने की लालसा है. मिट्टी की खुशबू, परिवार का स्नेह, गांव का अपनापन. लेकिन यह लालसा अब एक संघर्ष बन चुकी है. बिहार जाने वाली ट्रेनें ठसाठस भरी हैं, टिकट मिलना असंभव है.
राहुल गांधी ने कहा, सफ़र अमानवीय हो गया है. कई ट्रेनों में क्षमता से 200फीसदी तक यात्री सवार हैं. लोग दरवाज़ों और छतों तक लटके हैं. सरकार फेल है. डबल इंजन सरकार के दावे खोखले हैं. राहुल गांधी ने पूछा कि कहां हैं 12,000 स्पेशल ट्रेनें? क्यों हालात हर साल और बदतर ही होते जाते हैं. क्यों बिहार के लोग हर साल ऐसे अपमानजनक हालात में घर लौटने को विविश हैं?
अगर राज्य में रोज़गार और सम्मानजनक जीवन मिलता, तो उन्हें हज़ारों किलोमीटर दूर भटकना नहीं पड़ता. राहुल गांधी ने कहा, ये सिर्फ़ मजबूर यात्री नहीं, NDA की धोखेबाज़ नीतियों और नीयत का जीता-जागता सबूत हैं. कहा कि यात्रा सुरक्षित और सम्मानजनक हो यह जनता का अधिकार है, कोई एहसान नहीं.
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