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नगर निगम के आश्रय गृहों की हालत जर्जर, फंडिंग की कमी बनी बड़ी चुनौती

नगर निगम के आश्रय गृहों की हालत जर्जर, फंडिंग की कमी बनी बड़ी चुनौती Ranchi :  रांची नगर निगम द्वारा शहर में संचालित कुल 10 आश्रय गृहों में 192 जरूरतमंदों के रहने की व्यवस्था है, लेकिन रखरखाव की कमी के कारण इनकी हालत जर्जर हो गयी है. वहीं फंडिंग की समस्या के चलते इन आश्रय गृहों में आवश्यक सुधार कार्य रुके हुए हैं. आश्रय गृह  गरीब, बेबस और लाचार लोगों के लिए बनाये गये हैं. जिनके पास रहने के लिए घर नहीं है या जो किसी कारण से अपने घर से दूर हो गये हैं और वो किराए में घर लेकर रहने में असमर्थ हैं. https://twitter.com/lagatarIN/status/1906640010306330647

खादगढ़ा में सबसे बड़ा आश्रय गृह

शहर का सबसे बड़ा आश्रय गृह खादगढ़ा बस स्टैंड पर स्थित है, जहां पुरुषों और महिलाओं के लिए 50-50 बिस्तरों की अलग-अलग व्यवस्था है. वहीं रिम्स (RIMS) के पास स्थित आश्रय गृह में परिवारों के लिए अलग कमरे भी उपलब्ध हैं, जिससे एक ही परिवार के सदस्य साथ रह सकते हैं. इसे भी पढ़ें - धनबाद">https://lagatar.in/dhanbad-cbi-raids-ecl-regional-office-pf-clerk-arrested-taking-bribe-2/">धनबाद

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फंडिंग की समस्या से रुका विकास

नगर निगम के अधिकारियों से बातचीत में यह स्पष्ट हुआ कि फिलहाल किसी नए सुधार कार्य पर काम नहीं हो पा रहा है, क्योंकि फंडिंग की कमी बनी हुई है. हालांकि जल्द ही दीन दयाल जन आजीविका योजना-शहरी (DJAYS) के तहत नए प्रोजेक्ट की शुरुआत हो सकती है. इस योजना का पायलट प्रोजेक्ट भारत के 25 शहरों में चल रहा है और अगर इसे मंजूरी मिलती है, तो आश्रय गृहों को मजबूती मिलेगी. उम्मीद है कि यह योजना अप्रैल या मई तक शुरू हो जायेगी.

सुविधाओं में सुधार की जरूरत

आश्रय गृहों में दो स्टाफ होते हैं, जो देखभाल का काम करते हैं. ये स्टाफ दैनिक वेतन पर रखे जाते हैं. खादगढ़ा के महिला आश्रय गृह पर ताला लगा मिला. इस संबंध में पूछने पर पता चला कि यह सुरक्षा कारणों से बंद रखा जाता है. इसके अलावा सेवा सदन के पास एक आश्रय गृह था, जो अब पूरी तरह से जर्जर हो चुका है और उपयोग में नहीं है.

सफाई और जानकारी के अभाव से परेशानी

निरीक्षण के दौरान यह सामने आया है कि कई आश्रय गृहों में सफाई व्यवस्था संतोषजनक नहीं है. आश्रय गृहों के शौचालयों और उसके आसपास में गंदगी का अंबार लगा है. कई आश्रय गृहों के बाहर स्पष्ट संकेतक बोर्ड नहीं लगे हैं, इसकी वजह से लोगों को आश्रय गृहों के बारे में जानकारी नहीं मिल पाती है.

प्रशासन की विफलता?

इन आश्रय गृहों का मुख्य उद्देश्य जरूरतमंदों को राहत देना है. लेकिन फंडिंग की कमी और रखरखाव में लापरवाही कहीं न कहीं नगर निगम और प्रशासन की कार्यक्षमता पर सवाल खड़े करती है. अगर सरकार और प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं देते, तो बेघर लोगों के लिए बनी ये सुविधाएं केवल कागजों तक ही सीमित रह जायेगी. इसे भी पढ़ें - रात">https://lagatar.in/sbi-narwa-pahad-branch-atm-used-to-shut-down-at-8-pm-usil-employees-angry/">रात

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