- मामले की गंभीरता को देखते हुए अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) ने जून 2024 के अंतिम सप्ताह में मामले की जांच को अपने जिम्मे ले लिया था.
- सीआईडी ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरु की. लेकिन 18 माह बीतने के बाद भी जांच पूरी हुई या नहीं यह तो नहीं पता चल सका है लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है.
- जांच के दौरान धनबाद पुलिस को यह पता चला था कि फेंसेड्रिल कफ सिरप की सप्लाई का सरगना का रांची में गोदाम है. यह गोदाम राजधानी रांची के तुपुदाना थाना क्षेत्र में है.
- हिमाचल प्रदेश से कफ सिरप लाकर तुपुदाना से ही झारखंड के विभिन्न जिलों समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में सप्लाई की जाती है. इस कंपनी और कंपनी के मालिकों के खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं हुई.
Lagatar Desk
गुजरात पुलिस की सूचना पर धनबाद के बरवाअड्डा स्थित एक गोदाम से जो कफ सिरप (Phensedyl) की 26000 बोतलें जब्त की गईं थी, उसकी सप्लाई रांची के तुपुदाना स्थित सेली ट्रेडर्स ने किया था. इस मामले में दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक सेली ट्रेडर्स के मालिक भोला प्रसाद हैं. सेली ट्रेडर्स हिमाचल प्रदेश के सोलन जिला स्थित Abbott Healthcare Pvt Ltd कंपनी का अधिकृत स्टॉकिस्ट है.
सेली ट्रेडर्स के बारे में पता चलने के बाद 8 औषधि निरीक्षकों की टीम ने 12 मार्च 2024 को तुपुदाना इंडस्ट्रियल एऱिया स्थित सेली ट्रेडर्स को गोदाम का निरीक्षण किया था. इस दौरान सेली ट्रेडर्स के मालिक भोला प्रसाद मौजूद नहीं थे. निरीक्षण उनके बेटे शुभम जयसवाल की उपस्थिति में किया गया.
निरीक्षण के दौरान टीम ने बताया कि बरवाअड्डा थाना क्षेत्र के हाजरा मोड़ स्थित दुकान से जब्त सिरप (बैच नंबर-PHD23159 व PHD23160) की खरीद हिमाचल प्रदेश की कंपनी से की गई थी. सेली ट्रेडर्स में चार व पांच जनवरी की तारीख को दोनों बैच के कफ सिरप की बिक्री की. सिरप की बिक्री रसीद संख्या A002470 से लेकर A002493 और रसीद संख्या A002495 से लेकर A002513 तक के कुल 43 रसीद के जरिये किया गया. सारे रसीद चार व पांच जनवरी 2024 को काटे गये.
इस मामले में पुलिस ने बरवाअड्डा थाना में प्राथमिकी दर्ज की थी. जून 2024 में सीआईडी ने इस मामले का टेकओवर किया और जांच शुरु कर दी. मामले का सुपरविजन सीआईडी में पदस्थापित रहे एएसपी दीपक ने किया है. इस मामले की जांच और अब तक की गई कार्रवाईयों को लेकर कई तरह के सवाल उठने लगे हैं.
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