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देश का व्यापार घाटा जून माह में घटा, 18.78  अरब डॉलर पर आया,  भारत सरकार ने आंकड़ा किया जारी

 New Delhi :  देश का व्यापार घाटा जून माह(2025) में घटकर 18.78  अरब डॉलर हो गया है, जबकि पिछले महीने व्यापार घाटा 21.88 डॉलर था. इसके अलावा देश का वस्तु निर्यात जून  में 35.14 अरब डॉलर पर स्थिर रहा. भारत सरकार ने मंगलवार को यह आंकड़ा जारी किया है.  न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के एक सर्वे के दौरान जून में भारत का व्यापार घाटा 22.24 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान लगाया था. 

 

 

कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्ट्री के डेटा के अनुसार जून में भारत का निर्यात स्थिर रहा.लगभग 35.14 अरब डॉलर का निर्यात किया गया, एक साल पहले जून में  निर्यात 36.16 अरब डॉलर का रहा था. हालांकि, आयात में 3.17 प्रतिशत की कमी आयी और यह 53.91 अरब डॉलर का हुआ है. एक साल पहले यह 56 अरब डॉलर था.

 


 
डेटा के अनुसार जून में सर्विस एक्सपोर्ट 32.84 अरब डॉलर का रहा. यह 15.62 अरब डॉलर सरप्लस है.दूसरी तरफ सर्विस सेक्टर में इंपोर्ट 17.58 अरब डॉलर का रहा. पेट्रोलियम, कपड़ा, लौह अयस्क, तिलहन, रत्न एवं आभूषण, चमड़ा,  काजू, मसाले, तंबाकू और कॉफी सहित प्रमुख निर्यात क्षेत्रों में महीने के दौरान गिरावट दर्ज की गयी है.

 

 

इंजीनियरिंग, चाय, चावल, सभी प्रकार के सिलेसिलाए परिधान, रसायन, समुद्री उत्पाद और औषधि के निर्यात में वृद्धि दर्ज की गयी. 
पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात जून में 15.92 प्रतिशत घटकर 4.61 अरब डॉलर और पहली तिमाही के दौरान 15.63 प्रतिशत कम होकर 17.4 अरब अमेरिकी डॉलर रहा.   

 

 


वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल का अनुमान है कि 2025-26 की पहली तिमाही के दौरान देश का वस्तु एवं सेवा निर्यात 210 अरब डॉलर रहेगा.  यह सालाना आधार पर लगभग छह प्रतिशत ज्यादा है.  वित्त वर्ष 2024-25 में, भारत का वस्तु एवं सेवा निर्यात 825 अरब डॉलर के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर रहा था.  

 

 


इलेक्ट्रॉनिक सामान के निर्यात की बात करें तो यह जून में 46.93 प्रतिशत बढ़कर 4.14 अरब डॉलर हो गया. अप्रैल-जून तिमाही के दौरान यह 47.11 प्रतिशत बढ़कर 12.4 अरब डॉलर पर पहुंचा. चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जून तिमाही के दौरान निर्यात 1.92 प्रतिशत बढ़कर 112.17 अरब डॉलर पर और आयात 4.24 प्रतिशत बढ़कर 179.44 अरब डॉलर रहा.

 

 

अप्रैल-जून, 2025 के दौरान वस्तु व्यापार घाटा बढ़कर 67.26 अरब डॉलर पर रहा. जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में यह 62.10 अरब डॉलर था.    कच्चे तेल का आयात 8.37 प्रतिशत 13.8 अरब डॉलर और सोने का आयात 25.73 प्रतिशत घटकर  1.9 अरब डॉलर पर आ गया. 

 


 

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