Ranchi : एक महीने से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी रिम्स शासी परिषद की बैठक में लिए गए फैसले को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है. गौरतलब है कि 26 मार्च को शासी परिषद की 55वीं बैठक हुई थी. स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए थे. इनमें मुख्य रूप से मरीजों को सात दिन में सात बेडशीट (हर दिन अलग-अलग रंग) का बेडशीट देने का निर्देश दिया गया था. ताकि साफ और स्वच्छ वातावरण में मरीजों का इलाज हो सके, लेकिन अबतक यह व्यवस्था कायम नहीं हो सका है. लॉन्ड्री के लिए नए सिरे से निविदा निकालने का निर्देश दिया गया था. वहीं बैठक में लिफ्ट की खरीदारी और मेंटेनेंस करने का निर्णय लिया गया था.
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बता दें कि रिम्स में कुल 44 लिफ्ट हैं. इनमें कई लिफ्ट पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है. वैसी जर्जर लिफ्ट को हटा कर उसकी जगह पर नए लिफ्ट खरीदने के निर्देश दिए गए थे. जबकि मेंटेनेंस की जरूरत के लायक लिफ्टों का मेंटेनेंस करने का निर्देश दिया गया था. वहीं लिफ्ट संचालन के लिए निविदा निकालने की बात कही गई थी. साथ ही रिम्स के न्यूरोसर्जरी विभाग में भर्ती मरीजों को फर्श पर इलाज से छुटकारे के लिए नेत्र विभाग के 90 बेड का इस्तेमाल करने की बात कही गई था. लेकिन निर्देश के बाद भी प्रबंधन इसे धराताल पर नहीं उतार सका है.
शासी परिषद की बैठक में लिए गए फैसले पर प्रबंधन कर रहा है काम
वहीं इस विषय पर रिम्स के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. राजीव रंजन ने कहा कि रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ आप्थाल्मालॉजी(नेत्र अस्पताल) को शिफ्ट करने के बाद ही न्यूरो के मरीजों को फर्श पर इलाज कराने से राहत मिलेगी. नेत्र अस्पताल के कुछ काम अभी बाकी हैं. वहीं लिफ्ट के लिए ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स से टेंडर करने की प्रक्रिया चल रही है. जबकि लॉन्ड्री से संबंधित विभागों की एक समिति बनाई गई है. जो नए सिरे से टेंडर की शर्तों को पुनरीक्षित कर रही है. बेडशीट के लिए जेल प्रबंधन से बात चल रही है. वहां से बेडशीट उपलब्ध कराते ही मरीजों को अलग-अलग रंग की बेडशीट हर दिन दिए जाएंगे.
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