- पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर पीड़ित परिवारो में बढ़ी चिंता
Ranchi : बुढ़मू बड़का साड़म में गर्भस्थ शिशु की मौत के मामले में पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की धीमी कार्रवाई हो रही है. घटना को 25 दिन बीत चुके हैं. बुढ़मू थाना 8-10 नवंबर को पीड़िता को रांची सदर अस्पताल जांच के लिए भेजा गया था. लेकिन महत्वपूर्ण जांच रिपोर्ट अब तक नहीं खोली गई, जिससे पीड़िता और परिवार न्याय की प्रतीक्षा में भटक रहा है.
जानें क्या है मामला
27 अक्टूबर को स्वशासन पड़हा सरकार भारत युवा संगठन के सैकड़ों लोग सतीश पाहन के खेत में लगभग तीन एकड़ में लगी धान काटकर ले गए. सतीश पाहन और उनकी पत्नी पूनम देवी ने धान काटने का विरोध किया, जिसके बाद संगठन के लोगों द्वारा मारपीट की गई.
घटना के बाद दस नामजद और अज्ञात लोगों के खिलाफ बुढ़मू थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई. 30 अक्टूबर को आरोप लगाया गया कि मारपीट के दौरान पूनम देवी के गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो गई और उनका गर्भपात हो गया.
स्वास्थ्य विभाग व पुलिस की कार्यवाही पर उठ रहे सवाल
शिकायत दर्ज होते ही बुढ़मू पुलिस ने 8 नवंबर को पीड़िता को मेडिकल जांच के लिए रांची सदर अस्पताल भेजा था. लेकिन 12 दिन बीत जाने के बावजूद गर्भस्थ शिशु की मौत से जुड़ी मेडिकल रिपोर्ट का लिफाफा अब तक नहीं खोला जा सका है, जिससे मामले की सच्चाई सामने नहीं आ पा रही है.
इस मामले में रांची सदर अस्पताल के डॉक्टर ने कहा कि पुलिस से जुड़े मामलों को प्राथमिकता दी जाती है और दो दिन के भीतर रिपोर्ट तैयार कर दी जाती है. लेकिन इस मामले में रिपोर्ट की उपलब्धता और लिफाफा खोलने को लेकर स्पष्ट जवाब नहीं मिल सका है.
बुढ़मू चिकित्सा प्रभारी तारिक अंसारी ने बताया कि पीड़िता पांच दिन बाद अस्पताल पहुंची थी. जांच के लिए उसे सदर अस्पताल भेज दिया गया है. बुढ़मू थाना प्रभारी ने कहा कि पीड़िता का बयान दर्ज कर लिया गया है. हालांकि अभी तक सदर अस्पताल की जांच रिपोर्ट थाना को नहीं मिली है.
पाहन संघ अध्यक्ष जगदीश पाहन ने कहा कि क्षेत्र में इस मामला से प्रशासन से नाराजगी बढ़ती जा रही है. क्योंकि पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली धीमी गति पर हो रही है. पीड़िता को न्याय मिलने में देरी हो रही है.
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