Vinit Upadhyay
Ranchi : निचली अदालतों से दोषियों को मिली फांसी की सजा बरकरार रखने के लिए सरकार ने हाईकोर्ट में 5 वकीलों की कमिटी गठित की है. इस कमिटी के अधिवक्ता फांसी की सजा को बरकरार रखने और दोषियों के खिलाफ हाईकोर्ट में पक्ष रखेंगे. राज्य के महाधिवक्ता राजीव रंजन ने हाईकोर्ट के लोक अभियोजक पंकज कुमार को इस कमिटी का अध्यक्ष नियुक्त किया है. अधिवक्ता प्रिया श्रेष्ट, नेहाला शर्मीन, विनीत कुमार वशिष्ठ और भोला नाथ ओझा भी इस कमिटी के सदस्य हैं. (पढ़ें, तोशाखाना मामला : कोर्ट में पेशी के लिए जा रहे इमरान खान के काफिले में शामिल वाहनों में टक्कर, कई घायल)
2017 से लेकर अब तक फांसी की सजा से संबंधित कई मामले लंबित
झारखंड हाईकोर्ट में साल 2017 से लेकर अब तक कुल 24 से अधिक फांसी की सजा से संबंधित मामले लंबित हैं. सभी मामलों में राज्य की अलग-अलग निचली अदालतों ने दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है. कानूनी प्रावधान के तहत निचली अदालत जिस दोषी को फांसी की सजा सुनाती है, उसकी सजा कंफर्म (बरकरार) करने के लिए हाईकोर्ट के पास मामला भेजा जाता है. कई मामलों में ऐसा देखा गया है कि निचली अदालत किसी दोषी को फांसी की सजा सुनाती है. लेकिन हाईकोर्ट उस सजा को बदल देता है. अब हाईकोर्ट में गठित वकीलों की कमिटी फांसी की सजा बरकरार रखवाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ेगी.
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