Ranchi : झारखंड हाईकोर्ट ने राजधानी रांची की अव्यवस्थित स्थिति पर कड़ी नाराजगी जताते हुए शहर के समग्र सुधार के लिए सरकार और संबंधित विभागों को तुरंत ठोस कदम उठाने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने साफ किया कि राजधानी की व्यवस्था सुधारना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है और अब देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने टिप्पणी की कि रांची शहर की समस्याओं के समाधान के लिए सभी हितधारकों को एक मंच पर लाना जरूरी है. इसी उद्देश्य से अदालत ने उच्चस्तरीय समिति के गठन की घोषणा की है. अदालत ने निर्देश दिया है कि समिति की पहली बैठक 10 दिसंबर 2025 को शाम 5 बजे महाधिवक्ता राजीव रंजन के कार्यालय में आयोजित की जाए.
कोर्ट ने उम्मीद जताई है कि सभी सदस्य व्यक्तिगत रूप से बैठक में शामिल होंगे, हालांकि आवश्यकता पड़ने पर वर्चुअल उपस्थिति की अनुमति भी दी गई है. मामले की अगली सुनवाई 12 दिसंबर को होगी. खंडपीठ द्वारा गठित इस महत्वपूर्ण समिति की अध्यक्षता राज्य के महाधिवक्ता राजीव रंजन करेंगे.
समिति में राज्य के मुख्य सचिव, झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), शहरी विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव, ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव, रांची स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन के चेयरमैन-कम-एमडी, रांची नगर निगम के नगर आयुक्त, उपायुक्त रांची, एसएसपी रांची, ट्रैफिक एसपी और झारखंड हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष और सचिव को शामिल किया गया है.
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