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चेक बाउंस मामले में न्यायायुक्त ने निचली अदालत की सजा बरकरार रखी

Ranchi :  चेक बाउंस मामले में निचली अदालत द्वारा दी गयी सजा को न्यायायुक्त ने बरकरार रखा है. प्रथम श्रेणी के न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने जमशेदपुर निवासी अभियुक्त बिरजू कुमार को एक साल की सजा और आठ लाख रुपये का दंड लगाया था. बिरजू ने इस सजा के खिलाफ न्यायायुक्त की अदालत में अपील दायर की थी.

 

रांची की दुकान से खरीदी ग्लास


बिरजू ने रांची की एक दुकान से ग्लास खरीदी थी. खरीद के दौरान विश्वास कायम करने के लिए बिरजू ने सिक्यूरिटी के तौर पर दुकानदार को एक ब्लैंक चेक दिया था. इस पर उसका हस्ताक्षर था. बिरजू को रांची स्थित दुकानदार ने आठ लाख रुपये का ग्लास सप्लाई किया था. बिरजू ने सामान की आपूर्ति के बाद 50 हजार रुपये का एक चेक दिया था.

 

खाते में पैसे नहीं होने के कारण चेक हुआ बाउंस

निर्धारित तिथि पर बैंक में चेक जमा करने पर रांची के व्यापारी को बैंक ने पैसा नहीं दिया. इसका कारण खाते में पैसा नहीं होना बताया गया.  चेक बाउंस करने के बाद रांची स्थित व्यापारी ने बिरजू के नाम पर लीगल नोटिस दिया. इसके बावजूद उसने चेक में निहित राशि का भुगतान नहीं किया. इसके बाद रांची स्थित व्यापारी ने जमशेदपुर के व्यापारी बिरजू के खिलाफ न्यायालय में मुकदमा दायर किया.

 

निचली अदालत ने एक साल जेल और आठ लाख का लगाया दंड

मामले की सुनवाई के बाद प्रथम श्रेणी के न्यायिक दंडाधिकारी ने मार्च 2025 में अपना फैसला सुनाया. न्यायिक दंडाधिकारी ने बिरजू को एक साल के सामान्य जेल की सजा और आठ लाख रुपये का दंड लगाया. दंड की रकम अदा नहीं करने पर अतिरिक्त तीन महीने के जेल की सजा भुगतने का आदेश दिया. बिरजू ने इस सजा के खिलाफ न्यायायुक्त की अदालत में अपील की. न्यायायुक्त अनिल कुमार मिश्रा की अदालत ने अपील पर सुनवाई के बाद निचली अदालत द्वारा दी गयी सजा को बरकरार रखा और अपील याचिका खारिज कर दी.