Ranchi : धरती आबा बिरसा मुंडा की शहादत को 125 वर्ष पूरे हो चुके हैं, लेकिन उनके विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं. उनके सपनों का झारखंड आज भी अधूरा है. यह बातें आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो ने कोकर स्थित बिरसा मुंडा समाधि स्थल पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद कहीं.
उन्होंने कहा कि बिरसा मुंडा सिर्फ एक योद्धा नहीं, बल्कि आदिवासी अस्मिता, स्वाभिमान और अधिकारों के प्रतीक हैं. भगवान बिरसा मुंडा के जीवन को जितना पढ़ेंगे, जानेंगे उतना ही हम झारखंड को भीतर से समझ सकेंगे. झारखंड को सिर्फ बाहर से देखने से उसकी आत्मा का बोध नहीं होता. धरती आबा के सिद्धांतों में झारखंड की आत्मा बसती है.
आदिवासी संगठनों का बंद असंतोष और संघर्ष की चेतावनी : सुदेश महतो ने कहा कि हाल ही में आदिवासी संगठनों द्वारा बुलाए गए झारखंड बंद पर कहा कि यह बंद आदिवासी असंतोष और संघर्ष की चेतावनी है. हेमंत सरकार जिन वोटों से सत्ता में आई, आज वही सरकार उनके अस्तित्व, संस्कृति और अधिकारों पर आघात कर रही है.
यह धरती आबा के बलिदान का अपमान है. उन्होंने कांके नगरी में किसानों की भूमि जबरन अधिग्रहणकी घटनाओं की निंदा करते हुए कहा कि सरकार जनविरोधी और गांव विरोधी नीति अपना रही है. झारखंड की आत्मा गांवों में बसती है और जब तक गांव सुरक्षित नहीं, तब तक झारखंड की आत्मा भी सुरक्षित नहीं. धरती आबा के सपनों का झारखंड यही है.