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कैप्टन कूल माही का जादुई सफर : क्रिकेट की दुनिया में छोड़ी एक अमिट छाप

Ranchi :   भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल और महान कप्तानों में शुमार महेंद्र सिंह धोनी आज अपना 44वां जन्मदिन मना रहे हैं.  मैदान पर शांत स्वभाव और मजबूत निर्णय क्षमता के लिए पहचाने जाने वाले कैप्टन कूल का करियर सिर्फ क्रिकेट तक सीमित नहीं रहा, बल्कि वे आज करोड़ों युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं. 

 

एक छोटे शहर से विश्व मंच तक

धोनी का सफर रांची की गलियों से शुरू हुआ, जहां उन्होंने एक छोटे से क्लब में विकेटकीपिंग और बल्लेबाजी से अपनी पहचान बनाई. उनकी कड़ी मेहनत, अनुशासन और जिद ने उन्हें विश्व क्रिकेट के सबसे बड़े मंच तक पहुंचाया. 

 

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम

धोनी ने 2004 में बांग्लादेश के खिलाफ अपने वनडे करियर की शुरुआत की. इसके बाद, उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. उन्होंने अपने खेल और नेतृत्व से भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया. नंबर 7 पर बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने साबित किया कि निचले क्रम पर भी मैच जिताया जा सकता है. 

 

कप्तानी की जादुई यात्रा

महेंद्र सिंह धोनी भारत के इकलौते कप्तान हैं, जिन्होंने आईसीसी की तीनों बड़ी ट्रॉफी अपने नाम कीं.  उन्होंने 2007 में पहला टी20 वर्ल्ड कप, 2011 में वनडे वर्ल्ड कप और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी जीती. उनकी कप्तानी में भारत ने लंबे समय तक टेस्ट रैंकिंग में भी पहला स्थान बनाए रखा. 

 

भविष्य की टीम गढ़ने में भूमिका

धोनी ने न केवल अपनी कप्तानी से टीम को जीत दिलाई, बल्कि उन्होंने भविष्य की टीम भी गढ़ी. उन्होंने सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और वीरेंद्र सहवाग जैसे दिग्गज खिलाड़ियों को संभालते हुए विराट कोहली, रोहित शर्मा, रविंद्र जडेजा और अश्विन जैसे सितारों को तैयार किया।

 

आईपीएल में भी 'थाला' का जलवा

धोनी आज भी चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) की रीढ़ हैं. उनकी कप्तानी में सीएसके ने 5 बार आईपीएल ट्रॉफी अपने नाम की है. वे आईपीएल के सबसे सफल और स्थिर कप्तानों में से एक हैं और माहौल बदल देने की क्षमता रखते हैं. 

 

धोनी के शानदार करियर आंकड़े :

वनडे : 350 मैच, 10,773 रन, औसत  50.57, 10 शतक, 73 अर्धशतक

टेस्ट : 90 मैच, 4,876 रन, 6 शतक

T20 :  98 मैच, 1,617 रन

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