Ranchi : बिजली कर्मियों का पूर्व घोषित 26 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल को देखते हुए उर्जा विकास निगम प्रबंधन ने 22 सितंबर को वार्ता के लिए बुलाया है. यह जानकारी देते हुए झारखंड पावर वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष आशीष कुमार ने बताया कि निगम प्रबंधन द्वारा वार्ता के लिए बुलाये जाने का यूनियन स्वागत करती है. संघ उम्मीद करता है कि अब कोई आश्वासन नहीं मिलेगा. इधर, यूनियन की बैठक गुरुवार को हुई, जिसमें 26 सितंबर से पूर्व घोषित हड़ताल पर जाने का फैसला लिया गया.
लिखित इकरारनामे से मुकर रहा है निगम
संघ आरोप है कि निगम की अधिसूचना संख्या 625 दिनांक 30/05/2022 के आलोक में न्यू डिजीग्नेशन मैपिंग के तहत निगम के पूर्व के बहुत से पदों को विलोपित करते हुए नए पदों की रचना की गई है, जिससे पदाधिकारी एवं कर्मचारियों के सभी संवर्गों के हित को देखते हुए किया गया है. मगर निगम द्वारा बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के द्वारा लिए गए निर्णय को दरकिनार करते हुए सिर्फ पदाधिकारी को इस आदेश का लाभ दिया जा रहा है. वहीं कर्मचारियों के मामले में इसे लागू नहीं करना चाहता है. इससे कर्मचारियों में काफी निराशा है. उल्टा उसे प्रमोशन देने के बजाय डिमोशन करते हुए तृतीय श्रेणी के कर्मियों का प्रमोशन चतुर्थ वर्ग में किया जा रहा है. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 10 वर्षों से लगातार कार्य कर रहे अनुबंध कर्मियों के स्थाईकरण के मामले में स्पष्ट आदेश देने के उपरांत भी कमेटी द्वारा मामले को लटकाए रखा जा रहा है. जबकि झारखंड सरकार द्वारा भी कई विभागों में कार्यरत अनुबंध कर्मियों को स्थाईकरण की प्रक्रिया की जा रही है. निगम प्रबंधन द्वारा संघ के साथ लिखित इकरारनामे के बावजूद 6 प्रतिशत विशेष ऊर्जा भत्ता नहीं देना कहीं ना कहीं अपने द्वारा किए गए समझौते के खिलाफ है.
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