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LagatarDesk : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक की सड़क राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ कर दिया गया. नयी दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी. 102 साल में तीसरी बार राजपथ का नाम बदला गया है. ब्रिटिश शासन में इस सड़क का नाम किंग्सवे (Kingsway) था. आजादी के बाद इसका नाम बदलकर ‘राजपथ’ कर दिया गया था. राजपथ किंग्सवे का ही हिंदी अनुवाद था. वहीं अब राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ हो गया.
New Delhi Municipal Council passes proposal to rename Rajpath as ‘Kartavya Path’ in special meeting: Officials
— Press Trust of India (@PTI_News) September 7, 2022
लोकसभा सासंद मीनाक्षी लेखी ने इसे बताया ऐतिहासिक फैसला
बता दें कि केंद्र सरकार ने हाल ही में राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्यपथ करने का फैसला किया था. इस प्रस्ताव में एनडीएमसी को अंतिम मुहर लगानी थी. जिसपर एनडीएमसी ने विशेष बैठकर में राजपथ का नाम बदलने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गयी. अब इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा से लेकर राष्ट्रपति भवन की पूरी सड़क को ‘कर्तव्यपथ’ के नाम से जाना जायेगा. बीजेपी की लोकसभा सासंद मीनाक्षी लेखी ने इसे ऐतिहासिक फैसला बताया. मीनाक्षी लेखी ने सभी देशवासियों को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि राजपथ का नाम बदलने का फैसला मातृभूमि की सेवा करने की हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है.
We carried forward colonial mindset after Independence. Rajpath conveys you’ve come for ‘Raj’. PM said that country is celebrating Azadi ka Amrit Mahotsav & we’ve to end imperialistic policies, symbols. So, the name of Rajpath has been changed to Kartavya Path: Union Min M Lekhi pic.twitter.com/CxD7Sdij1Y
— ANI (@ANI) September 7, 2022
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राजपथ का इतिहास
- 1911 में जब अंग्रेजों ने अपनी राजधानी कोलकाता से दिल्ली बनाई तो नई राजधानी को डिजाइन करने का जिम्मा एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर को दिया गया. 1920 में राजपथ बनकर तैयार हुआ था. तब इसे किंग्सवे यानी ‘राजा का रास्ता’ कहा जाता था.
- 1905 में लंदन में जॉर्ज पंचम के पिता के सम्मान में एक सड़क बनायी गयी थी, जिसका नाम किंग्सवे रखा गया था. उन्हीं के सम्मान में दिल्ली में जो सड़क बनायी गयी, उसका नाम भी किंग्सवे रखा गया. जॉर्ज पंचम 1911 में दिल्ली आये थे, जहां उन्होंने नयी राजधानी की घोषणा की थी.
- आजादी के बाद इसका नाम बदलकर ‘राजपथ’ रखा गया. हालांकि यह किंग्सवे का ही हिंदी अनुवाद था. 75 सालों से राजपथ पर ही गणतंत्र दिवस की परेड हो रही है. अब केंद्र सरकार ने इसका नाम बदलकर ‘कर्तव्यपथ’ रखने का फैसला लिया है.
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