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लॉरेंस गैंग का नया मास्टरमाइंड रामगढ़ जेल से दिला रहा वारदातों को अंजाम

Ranchi :  रामगढ़ जेल में बंद राजस्थान का सुनील मीणा, जो अब लॉरेंस बिश्नोई गैंग का नया मास्टरमाइंड के तौर पर उभरा है, वर्तमान में झारखंड के रामगढ़ जेल में बंद है. इसके बावजूद वह अपनी आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने में सक्रिय है.

 

गैंगस्टर गोल्डी बरार और रोहित गोदारा से हुई दुश्मनी के बाद लॉरेंस गैंग ने राजस्थान में नया नेटवर्क एक्टिवेट कर दिया है. इसके लिए पुराने और नए बदमाशों को काम पर लगाया गया है. लॉरेंस के इस नेटवर्क में झारखंड और छत्तीसगढ़ में एक्टिव रहे राजस्थान के ही गैंगस्टर सुनील मीणा उर्फ मयंक सिंह का नाम भी सामने आया है. वह श्रीगंगानगर के घड़साना स्थित पुरानी मंडी का रहने वाला है.

 

रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में राजस्थान के कुछ शहरों में बड़े बिजनेसमैन को लॉरेंस गैंग की तरफ से धमकी भरे कॉल आए. पुलिस इन्वेस्टिगेशन में पता चला है कि इन सबके पीछे सुनील मीणा का हाथ है. झारखंड की जेल में बंद होने के बावजूद मीणा पर फिरौती के लिए कारोबारियों को धमकाने और भारत-पाकिस्तान सीमा पार से हथियारों की तस्करी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आरोप है.

 

दोहरी पहचान ने किया पुलिस को भ्रमित 

सुनील मीणा की सबसे बड़ी चाल उसकी दोहरी पहचान थी. उसने पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को चकमा देने के लिए सुनील मीणा और मयंक सिंह के नाम से दो अलग-अलग पहचानें बना रखी थीं. इस वजह से झारखंड और छत्तीसगढ़ की पुलिस एक ही अपराधी द्वारा किए गए अपराधों के लिए लंबे समय तक दो अलग-अलग व्यक्तियों की तलाश कर रही थी.

 

जांच में यह खुलासा हुआ कि मयंक और सुनील एक ही व्यक्ति थे. जांच एजेंसियों के अनुसार, वह मलेशिया में बैठकर झारखंड के गैंगस्टर अमन साहू और देश के सबसे बड़े संगठित आपराधिक गिरोहों में से एक लॉरेंस बिश्नोई गैंग के बीच एक मुख्य कड़ी (की-लिंक) के रूप में काम कर रहा था.

 

बड़े गैंगस्टरों के साथ संबंध और गिरफ्तारियां

सुनील मीणा के सहयोगी माने जाने वाले झारखंड के गैंगस्टर अमन साहू को इसी साल 11 मार्च को झारखंड के पलामू में एटीएस के साथ हुई मुठभेड़ में मार गिराया गया था. सुनील मीणा की गिरफ्तारी एक बड़ी सफलता थी. उसे 28 अक्टूबर 2024 को इंटरपोल की मदद से अजरबैजान में पकड़ा गया था.

 

लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद सुनील मीणा उर्फ मयंक सिंह को 23 अगस्त 2025 को अजरबैजान से प्रत्यर्पण कर रांची लाया गया. सुनील मीणा उर्फ मयंक सिंह पर झारखंड, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में 50 से अधिक गंभीर मामले दर्ज हैं. इनमें से अधिकांश मामले झारखंड और छत्तीसगढ़ से संबंधित हैं, जो उसकी संगठित और व्यापक आपराधिक गतिविधियों को साफ तौर पर दर्शाते हैं. एजेंसियां अब जेल में उसकी गतिविधियों पर कड़ी नज़र बनाए हुए हैं और उसके बचे हुए नेटवर्क को ध्वस्त करने की तैयारी में हैं.

 

 

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