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झारखंड के किसानों के लिए खुशखबरी, 783 केंद्रों में आज से धान अधिप्राप्ति अभियान शुरू

  • किसानों को मिलेगा 2450 रुपये प्रति क्विंटल एकमुश्त भुगतान

Ranchi : झारखंड सरकार आज से राज्यभर में धान अधिप्राप्ति अभियान की शुरुआत करने वाली है. इसके तहत राज्य के 783 धान अधिप्राप्ति केंद्रों पर एक साथ खरीद प्रक्रिया शुरू की जाएगी. सरकार ने धान बिक्री पर बोनस सहित 2450 रुपये प्रति क्विंटल का एकमुश्त भुगतान सुनिश्चित किया है, जिससे किसानों में उत्साह देखा जा रहा है.

 

किसानों का मनोबल बढ़ाना सर्वोपरि : मंत्री इरफान 

इस अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य, खाद्य आपूर्ति एवं आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ. इरफान अंसारी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं. वे स्वयं मंत्रियों, सांसदों और विधायकों से फोन पर संपर्क कर धान अधिप्राप्ति केंद्रों के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने का आग्रह कर रहे हैं. मंत्री ने कहा है कि किसानों का मनोबल बढ़ाना सर्वोपरि है और सभी जनप्रतिनिधियों को किसी न किसी रूप में कार्यक्रम से जुड़ना चाहिए.

 

किसानों को आत्मनिर्भर व आर्थिक रूप से मजबूत बनाना लक्ष्य 

डॉ. इरफान अंसारी ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई जनप्रतिनिधि किसी कारणवश कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित नहीं हो पाते हैं, तो वे ऑनलाइन माध्यम से किसानों को संबोधित कर अपना समर्थन अवश्य दें. उन्होंने सभी जिलों के आपूर्ति पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में जनप्रतिनिधियों से समन्वय स्थापित कर अधिप्राप्ति केंद्रों पर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ सुनिश्चित करें.

 

मंत्री ने कहा कि इस वर्ष राज्य में अच्छी खेती हुई है, जिससे किसानों में खुशी का माहौल है. सरकार का उद्देश्य किसानों को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है. उन्होंने कहा कि किसानों को हर सुविधा और सुरक्षा देना सरकार का दायित्व है और इस दिशा में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी.

 

सीएम की पहल किसानों के लिए हितैषी कदम

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की इस पहल को किसान हितैषी कदम माना जा रहा है. पूरे राज्य में धान अधिप्राप्ति की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने सभी जनप्रतिनिधियों से अपील की है कि उनकी सक्रिय भागीदारी से यह अभियान जन आंदोलन का रूप लेगा और किसानों को यह भरोसा मिलेगा कि सरकार हर कदम पर उनके साथ खड़ी है.

 

राजनीतिक और सामाजिक हलकों में मंत्री द्वारा स्वयं जनप्रतिनिधियों से संपर्क कर कार्यक्रम में शामिल होने की अपील को एक जिम्मेदार और संवेदनशील पहल के रूप में देखा जा रहा है. इससे यह संदेश जा रहा है कि झारखंड सरकार किसानों के मुद्दे पर पूरी गंभीरता से काम कर रही है.

 

 

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