Ranchi: पूर्व विधानसभा अध्यक्ष का दर्द छलक आया है. उनके इस दर्दभरी बयां से राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा तेज हो गई है. उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है कि वे 34 साल से झामुमो से जुड़े रहे. निःस्वार्थ भाव से जनता की सेवा की. गरीबों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और आदिवासियों के सम्मान की रक्षा के लिए सामंती व्यवस्था से टकराया. अपने जीवन को जोखिम में भी डाला. कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
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मुझे मिला तो सिर्फ जख्म
भोक्ता ने आगे लिखा है कि इन सबके बावजूद मुझे सिर्फ जख्म ही मिला. अब मैं जनता की अदालत में न्याय के इंतजार में हूं. वर्ना राजनीति और अपने क्षेत्र से संन्यास ही एकमात्र विकल्प है. बताते चलें कि इस चुनाव में शशांक शेखर भोक्ता को टिकट नहीं मिला. झामुमो ने सारठ से उदय शंकर सिंह पर दांव लगाया है. हालांकि भोक्ता चुनाव की तैयारी में लगे थे. राजनीतिक गलियारों में अब इस बात की भी चर्चा हो रही है, वे अब नया ठिकाना तलाश कर रहे हैं.
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