Ranchi : पूर्व मंत्री एनोस एक्का की सजा पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है. एनोस की याचिका पर सुनवाई पूरी होने के बाद न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.
न्यायाधीश संजय प्रसाद की पीठ ने गुरुवार को फैसला सुनाते हुए एनोस की याचिका खारिज कर दी. इससे पूर्व मंत्री को अब पद का दुरुपयोग करने के मामले में सात साल की सजा काटनी होगी.
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश की अदालत ने पूर्व मंत्री को अपने पद का दुरुपयोग करने के मामले में सात साल की सजा सुनाई थी. साथ ही 2.10 लाख रुपये का दंड लगाया था.
पद के दुरुपयोग का यह मामला तत्कालीन मंत्री द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए गलत पता बता कर जमीन खरीदने से संबंधित था. एनोस एक्का ने सीबीआई के विशेष न्यायाधीश द्वारा पद के दुरुपयोग के मामले में दी गई सजा पर रोक लगाने के लिए हाईकोर्ट में अपील दायर की थी.
मामले की सुनवाई के दौरान एनोस की ओर से यह दलील पेश की गई कि उसे आय से अधिक संपत्ति के मामले में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश द्वारा सात साल की सजा सुनाई गई थी.
साथ ही 50 लाख रुपये का दंड लगाया गया था. एनोस ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में दी गई सजा काट ली है. पद के दुरूपयोग का मामला भी इससे संबंधित है. इसलिए पद के दुरुपयोग के मामले में मिली सजा पर रोक लगा दी जाए.
मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई के अधिवक्ता दीपक भारती ने एनोस एक्का की ओर से दी गई दलील का विरोध किया. उन्होंने मामले में कानूनी पहलूओं का हवाला देते हुए कहा कि दोनों मामले अलग-अलग है.
इसलिए अभियुक्त को दोनों मामले में ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई सजा अलग-अलग काटना पड़ेगा. दो अलग-अलग मामलों में दी गई अलग-अलग सजा को एक नहीं माना जा सकता है. एक मामले में सजा काटने के बाद दूसरे मामले की सजा पर रोक नहीं लगाई जा सकती है.
न्यायालय ने मामले में दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद दो दिसंबर 2025 को फैसला सुरक्षित रख लिया था. न्यायालय ने 18 दिसंबर को अपना फैसला सुनाया और एनोस एक्का की याचिका खारिज कर दी.
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