Mumbai : महाराष्ट्र की सियासत में अभी भी आग बरस रही है. एकनाथ शिंदे गुट और ठाकरे गुट एक दूसरे पर हमला बोलने का कोई भी मौका नहीं चूक रहे हैं. बता दें कि सीएम एकनाथ शिंदे ने ट्वीट कर उद्धव सरकार पर तंज कसा कि ऑटो रिक्शा मर्सिडीज से आगे निकल गया है, क्योंकि ये एक आम आदमी की सरकार है. जानकारों के अनुसार एकनाथ शिंदे का बयान इसलिए मायने रखता है क्योंकि उद्धव अपना इस्तीफा देने के लिए मर्सिडीज से राजभवन गये थे. अपनी पृष्ठभूमि का जिक्र करते हुए शिंदे ने उद्धव ठाकरे को मर्सिडीज करार देकर संदेश दिया कि ऑटो रिक्शा ने उन्हें मात दे दी है.
Autorickshaw has left Mercedes behind: Maharashtra CM Eknath Shinde’s jibe at Uddhav Thackeray
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— ANI Digital (@ani_digital) July 6, 2022
Issues related to Dawood Ibrahim, Mumbai riots came up but MVA government was indecisive: CM Shinde
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हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे की हिंदुत्व विचारधारा को आगे ले जाने का फैसला किया है
50 विधायकों के सत्तारूढ़ गठबंधन (MVA) छोड़ने का बड़ा कारण होना चाहिए, यह देखते हुए कि पिछली एमवीए सरकार, जिसमें कांग्रेस और शिवसेना घटक थे, हिंदुत्व या वीर सावरकर से संबंधित मामलों पर निर्णय नहीं ले सकती थी. एएनआई को दिये विशेष साक्षात्कार में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने यह बात कही. उन्होंने सावरकर, मुंबई धमाकों और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का जिक्र करते हुए यह सब कहा. शिंदे ने कहा कि हमने अपने हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे की हिंदुत्व विचारधारा, उनकी भूमिका को आगे ले जाने का फैसला किया है. अगर 50 विधायक ऐसा कदम उठाते हैं तो इसकी कोई बड़ी वजह जरूर होगी. कोई छोटा कारण के लिए इतना बड़ा फैसला नहीं लेता है. कोई पार्षद भी ऐसा फैसला नहीं लेता है.
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50 विधायकों ने क्यों लिया ऐसा फैसला? इस बारे में सोचने की जरूरत थी
50 विधायकों ने क्यों लिया ऐसा फैसला? इस बारे में सोचने की जरूरत थी, शिंदे ने कहा कि शिवसेना और भाजपा ने 2019 का विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ा, लेकिन सरकार कांग्रेस, राकांपा के साथ बनी. इस वजह से जब भी हिंदुत्व के मुद्दे सामने आये, सावरकर से जुड़े मामले सामने आये, मुंबई विस्फोट का मामला सामने आया, दाऊद के मुद्दे पर और अन्य मुद्दे आये, तब हम निर्णय लेने में असमर्थ थे. शिंदे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक के संदर्भ में बोल रहे थे. जिन्हें इस साल फरवरी में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसकी गतिविधियों से जुड़ी मनी-लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया था.
दाऊद इब्राहिम 1993 में मुंबई में हुए बम धमाकों का मुख्य आरोपी है, जिसमें 257 लोग मारे गए थे. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मई में मलिक के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चार्जशीट दाखिल की थी. शिवसेना में विद्रोह का नेतृत्व करने वाले शिंदे ने पूछा था कि बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना उन लोगों का समर्थन कैसे कर सकती है, जिनका मुंबई बम विस्फोट के दोषियों, दाऊद इब्राहिम और से सीधा संबंध था. जो मुंबई के निर्दोष लोगों की जान लेने के लिए जिम्मेदार हैं.
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