Shakeel Akhter
Ranchi : राज्य के ई-कॉमर्स प्लेटफार्म को सरकार द्वारा बनाये जाने वाले गिग वर्कर कल्याण बोर्ड में अंशदान करना होगा. अंशदान की राशि अधिकतम दो प्रतिशत तक होगी. ई-कॉमर्स प्लेटफार्म द्वारा कानून का उल्लंघन करने पर 50 हजार रुपये दंड लगेगा. जबकि सरकार द्वारा निर्धारित अन्य प्रकार के अपराधों के लिए 10 हजार से 10 लाख रुपये तक का दंड लगाया जा सकेगा. राज्य सरकार द्वारा गिग वर्कर (डिलीवरी बॉय, कैब ड्राइवर या ऐप-आधारित काम करने वाले अन्य श्रमिकों) के कल्याण के लिए बनाये जाने वाले कानून में इसका प्रावधान किया गया है.
राज्य सरकार द्वारा गिग वर्कर के कल्याण के लिए कानून का प्रारूप (विधेयक) तैयार कर लिया है. इसमें उनके लिए कल्याण बोर्ड बनाने का प्रावधान है. प्रस्तावित कानून में ई-कॉमर्स प्लेटफार्म से गिग वर्कर्स कल्याण बोर्ड के लिए अंशदान लेने का प्रावधान है. ई-कॉमर्स प्लेटफार्म से उसके वार्षिक टर्नओवर के अनुसार अंशदान की वसूली होगी. ई-कॉमर्स प्लेटफार्म को झारखंड में किये जाने वाले व्यापार के वार्षिक टर्नओवर का न्यूनतम एक प्रतिशत और अधिकतम दो प्रतिशत की राशि अंशदान के रूप में देना होगा. अंशदान की राशि निर्धारित करने का अधिकार गिग वर्कर्स कल्याण बोर्ड को होगा.
प्रस्ताविक कानून में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म द्वारा अपने गिग वर्कर्स के लिए सामाजिक सुरक्षा सहित अन्य कल्याणकारी योजना लागू करने की स्थिति में अंशदान की राशि में छूट देने का अधिकार कल्याण बोर्ड को होगा. प्रस्तावित कानून में छूट की अधिकतम सीमा 50 प्रतिशत निर्धारित की गयी है.
प्रस्तावित कानून में गिग वर्कर्स के लिए न्यूनतम मजदूरी निर्धारित करने के लिए गिग वर्कर्स द्वारा काम में लगाया गया समय और तय की गयी दूरी को आधार बनाने का प्रावधान किया गया है. मजदूरी में किसी तरह की कटौती करने की स्थिति में ई-प्लेटफॉर्म द्वारा गिग वर्कर को इसकी विस्तृत जानकारी देने का प्रावधान है. प्रस्तावित कानून में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को अपने गिग वर्कर्स को काम की शर्तों के साथ एकरारनामे की कॉपी देनी होगी. साथ ही एकरारनामा की भाषा आसान होनी चाहिए.
प्रस्तावित कानून में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म द्वारा किये जाने वाले कुछ काम को अपराध की श्रेणी में शामिल किया गया है. इन अपराधों के लिए 10 हजार से 10 लाख तक का दंड लगाने का प्रावधान किया गया है. प्रस्तावित कानून मे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म द्वारा कल्याण बोर्ड में रजिस्ट्रेशन नहीं कराने पर 50 हजार रुपये दंड का लगाने का प्रावधान है.
प्रस्तावित कानून में घोषित अपराध
- बोर्ड में रजिस्ट्रेशन नहीं कराना.
- गिग वर्कर को अनुबंधन नहीं देना.
- गिग वर्कर को अनुबंध की शर्तो में किये गये बदलाव की सूचना नहीं देना.
- स्वचालित निगरानी और निर्णय प्रणाली के सिलसिले में मांगी गयी जानकारी नहीं देना.
- अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन करना.
- अनुबंध की शर्तों से अलग आधार पर काम समाप्त करना.
- समय पर गिग वर्कर को मुआवजा नहीं देना.
- मजदूरी में कटौती के लिए कारण नहीं बताना.
- राज्य सरकार द्वारा निर्धारित व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य मानकों को पूरा नहीं करना.