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आयुक्त एवं आईजी कार्यालय परिसर में आईजी ने किया झंडोत्तोलन
alt="" width="600" height="400" /> स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रमंडलीय आयुक्त एवं आईजी कार्यालय परिसर में पलामू जोन के आईजी राजकुमार लकड़ा ने झंडोत्तोलन किया. मौके पर डीसी शशि रंजन, एसपी रिष्मा रमेशन, एएसपी ऋषभ गर्ग, आयुक्त के सचिव मतियस विजय टोप्पो, क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार के सचिव अनवर हुसैन, क्षेत्रीय शिक्षा संयुक्त निदेशक शिवेन्द्र कुमार, उपनिदेशक जनसंपर्क आनंद, प्रशाखा पदाधिकारी राजीव रंजन तिवारी सहित अन्य प्रशासनिक एवं पुलिस पदाधिकारी तथा कर्मचारी उपस्थित थे.
समाहरणालय परिसर में डीसी ने फहराया तिरंगा
alt="" width="600" height="400" /> 77 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर डीसी शशि रंजन ने समाहरणालय परिसर में ध्वजारोहण किया. समाहरणालय परिसर में ध्वजारोहण कार्यक्रम के मौके पर डीसी शशि रंजन के अलावा पुलिस कप्तान रिष्मा रमेशन, उप विकास आयुक्त रवि आनंद, सहायक समाहर्ता रवि कुमार, अपर समाहर्ता सुरजीत कुमार सिंह, परितोष प्रियदर्शी सहित समाहरणालय के सभी पदाधिकारी एवं कर्मी मौजूद थे.
आजादी खैरात में नहीं मिली, लहू की कीमत पर हासिल हुई है : अविनाश देव
alt="" width="600" height="400" /> 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर संत मरियम विद्यालय के तीनों शाखा में तिरंगा फहराया गया. स्वतंत्रता संग्राम के वीर शहीदों को नमन व श्रद्धांजलि दी गई. ध्वजारोहण में उपस्थित बच्चों शिक्षकों व गैर शैक्षणिक कर्मचारियों को संबोधित करते हुए अविनाश देव ने कहा कि आजादी हमें खैरात में नहीं मिली है, लहू की कीमत पर हासिल हुई है. हमारा देश भारत वसुधैव कुटुम्बकम में विश्वास करता है, जिसका दुष्परिणाम भारतवर्ष पर हमेशा कोई न कोई हमला किया और शासक बन बैठा. अंतिम शासन अंग्रेजों की रही जो लगभग 2 सौ साल तक भारतीयों को गुलाम बनाये रखा. गोरों के राज में शोषण, जुर्म, अत्याचार, लूट, खसोट, दमन जब हल्फ़ा मारने लगा, हक अधिकार छीन गया, सांस लेना दूभर हो गया तब भारतीय नौजवान गफलत की नींद से जागे. लेखक कवि, बुद्धिजीवी, मजदूर किसान, संत, महंत औरत मर्द सभी जाति धर्म संप्रदाय स्वाधीनता के मुहिम में जुटे और हम भारतीय गोरों को सात समंदर टापू पार करने में कामयाब हुए. नब्बे साल के बाद हम लहू की क़ीमत पर सन 1947 सैंतालीस में 15 अगस्त को आज़ाद हो गए. जिसकी वर्षगांठ आज हम सभी तिरंगा लहराकर बड़े ही हर्षोल्लास से मना रहे हैं. आज़ादी की लड़ाई में सबों ने अपनी महत्ती भूमिका निभाई. जिसमें शहीद ए आज़म की कुर्बानी, गांधी के बलिदान, अंबेडकर के त्याग, भारतेंदु, मैथिली शरण, दिनकर, प्रेमचंद के कलम,लोकगायकों की जुबान को हम कभी भूल नहीं सकते हैं. आज हम सबों को संकल्प लेने का दिन है कि इस आज़ादी को अपनी जान देकर भी अक्षुण्ण बनाये रखेंगे और लोकतंत्र, संविधान की हिफ़ाजत करेंगे. ताकि विविधता में एकता लिए विशाल महाद्वीप एकता अखंडता, समता, बंधुता के सूत्र में बंधा रहे. इसे भी पढ़ें : होलपेक">https://lagatar.in/painful-death-of-two-youths-due-to-holepecs-grip-vandalized-by-angry-mob/">होलपेक
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