Ranchi: नए सरकार के गठन के साथ ही विकास की गाड़ी रफ्तार पकड़ेगी. वित्त विभाग ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव व विभागाध्यक्ष को पत्र लिखकर वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए स्थापना व्यय बजट का प्राकलन वेबसाइट पर अपलोड करने को कहा है. विभाग के संयुक्त सचिव चंद्र भूषण के हस्ताक्षर से जारी पत्र में कहा गया है कि विभाग अपने बजट का प्राकलन 11 दिसंबर तक वेबसाइट पर अपलोड कर दें.
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समावेशी विकास का होगा बजट
वित्त विभाग ने यह भी कहा है कि संसाधन सीमित है, इस कारण सीमित संसाधनों को ध्यान में रखते हुए राज्य के सतत और समावेशी विकास के लिए आगामी वितीय वर्ष 2025-26 का बजट तैयार किया जाना है. बजट प्रस्ताव के गठन में राज्य सरकार की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखे जाने की आवश्यकता है. जीवन और आजीविका की सुरक्षा और विकास को ध्यान कर बजट तैयार किया जाएगा. पिछले वर्षों में शुरू की गयी योजनाओं के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए सम्यक प्रयास किए जाएं. इस तथ्य का ध्यान रखा जाना आवश्यक है कि जिन योजनाओं ने अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर लिया है, उनके स्थान पर वर्तमान समय में प्रासंगिक योजनाएं प्रस्तावित की जाएं, जिनसे अधिकतम जनकल्याण का लक्ष्य प्राप्त किया जा सके. समाज के अंतिम कगार पर बैठे व्यक्ति का अधिकतम कल्याण संभव हो सके. बजट प्रस्ताव गठित करते समय मितव्ययिता के सिद्धांत को भी ध्यान में रखा जाए. व्यय का प्रस्ताव एफआरबीएम एक्ट में दी गई सीमाओं के अंतगर्त ही दिए जाएं. इसके अलावा सेंट्रल और स्टेट स्कीम का पूरा ब्योरा दिया जाए.
राजस्व प्राप्तियों में इन तथ्यों को किया जाए शामिल
राजस्व प्राप्तियों में राज्य के स्व-कर से इनकम जैसे ट्रांसपोर्ट, लैंड रेवेन्यू, राज्य उत्पाद कर को शामिल किया जाए. गैर-कर-आय जैसे- रॉयल्टी, सार्वजनिक उपक्रमों से अर्जित लाभांश, सरकारी उधारों पर ब्याज और अन्य स्रोतों से विभागों की आय को शामिल किया जाए. इसके अलावा कर और शुल्क (फीस) तथा अधिभारों की वर्तमान दर. पिछले तीन वर्षों में प्राप्ति की वास्तविक स्थिति एवं वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्राप्तियों की वृद्धि दर की प्रवृत्ति, पूर्व के वर्षों का बकाया और वित्तीय वर्ष 2025-26 में उसकी वसूली की संभावना को भी शामिल किया जाए.
स्थापना व्यय में इन तथ्यों को किया जाए शामिल
स्थापना व्यय में वेतन, मजदूरी, देशीय यात्रा व्यय, विदेश यात्रा व्यय, कार्यालय व्यय, आपूर्ति एवं सामग्री, मुद्रण,प्रकाशन, विज्ञापन, प्रशिक्षण व्यय, मोटर गाड़ी ईंधन, मरम्मति, अनुरक्षण, मरम्मति और सुसज्जीकरण, राशन की लागत वर्दी, संविदा व्यय, व्यवसायिक सेवा, किराया दरें एवं कर, पेंशन संबंधी प्रभार, पुरस्कार, मोटरगाड़ी, विद्युत व्यय, ऋण/ब्याज का भुगतान को भी शामिल किया जाए. वित्त विभाग ने विभागों से राजस्व प्राप्तियों का ब्योरा देने के लिए नौ दिसंबर तक की तिथि निर्धारित की है. स्थापना व्यय का ब्योरा देने के लिए 11 दिसंबर की तिथि निर्धारित की है. वहीं सामान्य बजट के प्राकलन के लिए 16 जनवरी 2025 की तिथि निर्धारित की है.
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