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रांची को जाम मुक्त बनाने की बातें, लेकिन समाहरणालय के पास ही उड़ रही नियमों की धज्जियां

Ranchi : रांची शहर को जाम मुक्त बनाने के लिए जिला प्रशासन और नगर निगम द्वारा रोजाना अभियान चलाने के दावे किए जाते हैं. लगभग हर दिन अतिक्रमण हटाने की खबरें भी देखने को मिलती हैं, लेकिन हकीकत यह है कि रांची आज भी जाम की समस्या से बुरी तरह जूझ रहा है.

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शहर के सबसे महत्वपूर्ण इलाके, समाहरणालय के आसपास और रांची नगर निगम कार्यालय से महज 200 मीटर की दूरी पर रोजाना खुलेआम अतिक्रमण देखा जा सकता है. सड़क किनारे दुकानें लगी रहती हैं, ठेले और अस्थायी कब्जे यातायात को बाधित करते हैं, लेकिन इन पर कोई स्थायी कार्रवाई नजर नहीं आती.

 

कई बार नगर निगम द्वारा अतिक्रमण हटाया भी जाता है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि अगले ही दिन फिर वही दुकानें और ठेले उसी जगह पर नजर आने लगते हैं.

 

सवाल यह उठता है कि अतिक्रमण हटाने के बाद दोबारा सड़क किनारे दुकानें लगाने की अनुमति आखिर किसके संरक्षण में मिल जाती है? और जब अतिक्रमण दोबारा होता है, तो नगर निगम की नजर वहां क्यों नहीं जाती?

 

इतना ही नहीं, समाहरणालय के मुख्य गेट के पास ही सड़क पर रोजाना बाइक और कारों की अवैध पार्किंग होती है. इससे आम लोगों को भारी परेशानी होती है, लेकिन न तो वहां चालान काटा जाता है और न ही किसी प्रकार की सख्ती दिखाई देती है. जिम्मेदार विभाग मानो आंख मूंदे बैठे हैं.

 

शहर को वास्तव में जाम और अतिक्रमण से मुक्त करना है, तो इसकी शुरुआत सबसे पहले प्रशासन और नगर निगम के अपने आसपास के इलाकों से होनी चाहिए. जब समाहरणालय और नगर निगम कार्यालय के पास ही नियमों का पालन नहीं हो पा रहा है, तो पूरे शहर में व्यवस्था सुधारने के दावे खोखले नजर आते हैं.

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