Ranchi: नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि भारत में लोअर-मिडल इनकम वर्ग की हालत में व्यापक सुधार हुआ है.390 मिलियन लोग निर्धारण सीमा से ऊपर उठे हैं.2011-12 में भारत की 57.7% आबादी वर्ल्ड बैंक के मुताबिक, उस इनकम लेवल से नीचे थी, जिसे लोअर-मिडल इनकम कैटेगरी कहा जाता है.
भारत में लोअर-मिडल इनकम वर्ग की हालत में व्यापक सुधार: 390 मिलियन लोग निर्धारण सीमा से ऊपर उठे
— Babulal Marandi (@yourBabulal) June 7, 2025
2011-12 में भारत की 57.7% आबादी वर्ल्ड बैंक के मुताबिक उस इनकम लेवल से नीचे थी जिसे लोअर-मिडल इनकम कैटेगरी कहा जाता है — यानी जिनकी रोज़ाना की आमदनी $3.65 से कम थी।
2022-23 तक ये… pic.twitter.com/9y1wibsHJg
यानी जिनकी रोज़ाना की आमदनी $3.65 से कम थी. सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है कि 2022-23 तक ये संख्या घटकर 23.9% रह गई है. इसका मतलब है कि करीब 390 मिलियन भारतीय अब इस श्रेणी से ऊपर उठ चुके हैं.
असरदार रही केंद्र सरकार की योजनाएं : बाबूलाल ने कहा कि ये बदलाव इस बात का सबूत है कि बीते 11 वर्षों में सरकार की योजनाएं और उनका ज़मीन तक पहुंचना कितना असरदार रहा है. पहली बार उस तबके को सीधे जोड़ने की कोशिश हुई जो न तो अति-गरीब कहलाता था और न ही किसी पॉलिसी का केंद्र बनता था, वंचनाओं में फंसा वह वर्ग जिसे वर्षों तक या तो उपेक्षित किया गया या सिर्फ़ वोट बैंक की तरह देखा गया यानी आम भारतीय परिवार.
सरकारी योजनाओं का प्रत्यक्ष लाभ : बीते एक दशक में जिस प्रकार सरकारी योजनाओं का प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण हुआ, पारदर्शी लक्ष्य निर्धारण और आधारभूत सुविधाओं की पहुंच के माध्यम से जमीन पर उतारा गया, उसने इन परिवारों की रोज़मर्रा की ज़िंदगी में वास्तविक अंतर डाला है. गांवों में मासिक उपभोग खर्च 2011-12 के 1,430 से बढ़कर 2,079 तक पहुंचा है. इसका मतलब 45.4% की वृद्धि.
शहरी भारत में यह 2,630 से बढ़कर 3,632 तक पहुंचा. मतलब 38% की वृद्धि. यह केवल खपत नहीं, यह संकेत है कि यह वर्ग अब दैनिक संघर्ष से निकलकर जीवन स्तर में स्थायी सुधार की दिशा में बढ़ रहा है.
ज़िंदगी में असली बदलाव आया : शिक्षा, बिजली, साफ पानी और स्वास्थ्य जैसे ज़रूरी क्षेत्रों में जिस तरह योजनाएं लागू की गईं, उससे लोगों की ज़िंदगी में असली बदलाव आया. ये इसलिए संभव हुआ क्योंकि नीति बनाने से लेकर उसके क्रियान्वयन तक, केंद्र सरकार का फोकस साफ़ था, बिना शोर-शराबे के जमीन पर बदलाव लाना.
ये सुधार केंद्र सरकार के विजन का प्रमाण है, जिसके अन्तर्गत विकास का असली मतलब तभी है जब उसका फायदा सबसे पहले उस तक पहुंचे जो सबसे ज़्यादा ज़रूरतमंद है. इसी सोच ने आज भारत के लोअर-मिडल इनकम वर्ग को पहली बार स्थिरता, सुविधा और सम्मान की तरफ बढ़ाया है.