Lohardaga: जिस बस स्टैंड से लोहरदगा नगर पर्षद को सालाना 54 लाख राजस्व की प्राप्ति होती है, वहां यात्रियों के सिर छुपाने के लिए जगह नहीं है. जिले का तापमान जब लगातार 40 डिग्री के ऊपर रह रहा है. बस स्टैंड पर गाड़ियों के इंतजार में यात्रियों को जहां-तहां कड़ी धूप में ठिकाना ढूंढते देखा जा सकता है. दुकानों के शेड या घरों की दीवार के ओट में बैठने की मजबूरी रहती है. बस स्टैंड की यात्री शेड में होटल चलता है. पीने के पानी की कोई व्यवस्था यहां नहीं है. यहां से रोजाना सफर करने वाले संजय कुमारऔर छात्रा विनय महतो और प्रियंका कुमारी का कहना है कि बस स्टैंड में एक चापाकल है जो कभी चलता है, कभी नहीं चलता है. महिलाओं- लड़कियों को शौचालय की सबसे बड़ी समस्या झेलनी पड़ती है. भीषण गर्मी में भी गाड़ियों में, ऑटो में बैठे रहना मजबूरी है. क्योंकि और कोई जगह नहीं है. नगर परिषद को शेड, पानी और शौचालय की व्यवस्था अस्थायी तौर पर भी करनी चाहिए थी. सालाना 50 लाख से अधिक की आमदनी नगर परिषद को होती है. मगर बस स्टैंड में यात्रियों की सुविधा पर 50 हजार भी खर्च नहीं किए जा रहे हैं. बस एजेंट संजय सिन्हा, अरविंद जायसवाल, मो इब्राहिम, किशोर कुमार रकीब, आदि का कहना है कि अंतर जिला और अंतर राज्यीय करीब 70 बसें और 500 से अधिक ऑटो और छोटे वाहन इस बस स्टैंड पर रुकते हैं. सैकड़ो यात्री अपने गंतव्य तक जाने के लिए यहां आते हैं या यहां से उतरकर अपने गंतव्य तक जाते हैं. इन यात्रियों के साथ साथ तमाम कर्मियों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. बस स्टैंड पर पूरा दिन छोटे-मोटे ठेले खोमचे से लगाने वालों के लिए तो जैसे त्रासदी है. साल दर साल गुजरते जा रहे हैं, मगर यात्रियों की परेशानियां जस की तस बनी हुई हैं. इसे भी पढ़ें - कांग्रेस">https://lagatar.in/congress-fields-priyanka-from-wayanad-rahul-will-remain-in-rae-bareli/">कांग्रेस
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54 लाख राजस्व देने वाले लोहरदगा बस स्टैंड में मूलभूत सुविधा नहीं

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