Ranchi: झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र में आज स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर जोरदार हंगामा हुआ. कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव और स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी के बीच थैलेसीमिया और बोन मैरो ट्रांसप्लांट को लेकर तीखी नोकझोंक हुई. मामला इतना बढ़ गया कि स्पीकर रवींद्र नाथ महतो को हस्तक्षेप करना पड़ा और वे भी नाराज दिखे.
विधायक प्रदीप यादव ने राज्य में थैलेसीमिया मरीजों की संख्या, बोन मैरो ट्रांसप्लांट सुविधा और सरकारी सहायता को लेकर सवाल पूछा. जवाब देते समय मंत्री इरफान अंसारी असमंजस में दिखे और स्वीकार किया कि सरकार के पास थैलेसीमिया मरीजों का कोई अपडेटेड डेटा उपलब्ध नहीं है, जबकि कई राज्यों में ऐसी जानकारी विभाग के पास मौजूद रहती है. इस पर भाजपा विधायकों ने सदन में "सेम-सेम" कहते हुए हल्ला भी मचाया.
प्रदीप यादव लगातार अपनी सीट से उठकर पूछते रहे कि थैलेसीमिया पीड़ितों को राज्य में मुफ्त रक्त उपलब्ध कराया जा रहा है या नहीं, और क्या सरकार अन्य राज्यों की तरह इलाज के लिए 15–20 लाख तक की आर्थिक सहायता देने पर विचार करेगी. इन सवालों पर भी मंत्री स्पष्ट जवाब नहीं दे सके.
प्रदीप यादव ने आरोप लगाया कि ब्लड ट्रांसफ्यूजन के नाम पर एक अस्पताल ने मरीजों से पैसे वसूले हैं. इसपर मंत्री ने सफाई दी, लेकिन विधायक संतुष्ट नहीं हुए. स्पीकर ने मंत्री को संक्षिप्त जवाब देने को कहा, लेकिन मंत्री इरफान अंसारी जवाब देने की बजाय घटनाएं और उदाहरण बताने लगे, जिससे सदन में नाराजगी और बढ़ी.
भाजपा विधायक सीपी सिंह भी बीच में कूद पड़े और कहा कि निजी अस्पताल पैसे लेकर ही इलाज करते हैं, लेकिन मंत्री सवालों को घुमाकर जवाब देते रहे. लगातार विवाद बढ़ता देख स्पीकर ने आखिर में प्रदीप यादव से कहा कि वे मंत्री के चैंबर में जाकर विस्तृत जवाब ले लें.
सत्र के दौरान स्वास्थ्य व्यवस्था और थैलेसीमिया मरीजों के मुद्दे पर गंभीर बहस हुई, लेकिन स्पष्ट जवाबों के अभाव में सत्ता पक्ष के विधायक और मंत्री के बीच टकराव बढ़ता गया.
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