New Delhi : भारत में एथेनॉल मिला पेट्रोल ( E10, E20) के संबंध में नकारात्मकता फैलाने वालों पर नितिन गडकरी ने हल्ला बोला है. कहा कि यह दावा पूरी तरह गलत है कि ई20 फ्यूल (20फीसदी एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल) इंजनों को नुकसान पहुंचाता है.
श्री गडकरी ने आरोप लगाया कि इस संबंध में पेट्रोलियम लॉबी झूठी सूचनाएं फैला रही है. कहा कि भारत सहित दुनिया के कई देशों में इसका सफल प्रयोग किया जा चुका है.
गडकरी ने एक साक्षात्कार में कहा कि एथेनॉल मिले पेट्रोल से इंजनों को नुकसान होने की खबर बेबुनियाद है. बताया. जानकारी दी कि हमने पुरानी गाड़ियों पर भी इसका ट्रायल किया है. ब्राज़ील का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां 27 फीसदी तक एथेनॉल मिलाया जाता है. अब तक वहां से कोई शिकायत नहीं आयी है. पेट्रोलियम लॉबी से जुड़े कुछ लोग गलत बातें फैला रहे हैं.
दरअसल यह खबर तेजी से फैल रही है कि एथेनॉल मिले पेट्रोल से गाड़ियों के इंजन को नुकसान पहुंचता है. इससे ही फ्यूल एफिशिएंसी (माइलेज) भी घट जाती है. भारत सरकार का मानना है कि आम लोगों के बीच कई तरह के भ्रम फैलाये जा रहे हैं. सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि एक खास तरह की लॉबी लोगों के बीच भ्रम पैदा कर रही है.
जान लें कि भारत ने जुलाई 2024 में पेट्रोल में 20फीसदी एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर लिया है. इसका मकसद प्रदूषण कम करना और महंगे कच्चे तेल आयात पर निर्भरता घटाना है.
खबरों के अनुसार कुछ वाहन मालिकों और कुछ विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि एथेनॉल मिलाने से गाड़ियों की माइलेज घटती है फ्यूल सिस्टम पर इसका असर संभव है. आशंका जताई गयी कि फ्यूल की मांग पूरा करने के लिए देश की खाद्यान्न फसलों पर असर पड़ सकता है.
मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि एथेनॉल किसानों और देश दोनों के लिए फायदेमंद है. एथेनॉल अच्छा और स्वच्छ ईंधन है. इससे गांव की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, किसानों की आमदनी बढ़ेगी तेल आयात बिल घटेंगे.
गडकरी ने आंकड़े भी पेश करते हुए कहा कि पिछले चार सालों में बिहार और यूपी में मक्के का उत्पादन तीन गुना बढ़ा है. मक्के का दाम 14-15 हजार रुपये प्रति टन से बढ़कर 24-25 हजार रुपये हो गया है. यूपी और बिहार में मक्के के दाम 1,200 रुपये प्रति क्विंटल से 2,800 रुपये तक पहुंच गये हैं.
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