New Delhi : सुप्रीम कोर्ट ने आज शुक्रवार को बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के तहत हटाये गये मतदाताओं के नामों में सुधार के लिए राजनीतिक दलों द्वारा आगे न आने पर आश्चर्य व्यक्त किया है.
Supreme Court says all 12 political parties in Bihar shall issue specific directions to party workers to assist people in filing and submission of requisite forms with any 11 documents in Form 6 or Aadhaar Card. https://t.co/DRCmXQYXnS
— ANI (@ANI) August 22, 2025
कोर्ट ने चुनाव आयोग के इस कथन पर संज्ञान लिया कि बिहार एसआईआर अभियान में 85,000 नये मतदाता सामने आये हैं और राजनीतिक दलों के बूथ-स्तरीय एजेंटों द्वारा केवल दो आपत्तियां दर्ज की गयी हैं.
आज सुनवाई के क्रम में निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि जो राजनीतिक पार्टियां एसआईआर प्रक्रिया पर सवाल उठा रही हैं, उन्होंने आयोग के सामने अब तक एक भी आपत्ति दर्ज नहीं कराई है.
चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में इस पूरी प्रक्रिया में सहयोग न करने का आरोप राजनीतिक दलों पर लगाया है. कोर्ट को जानकारी दी कि राजनीतिक दलों के एक लाख 61 हजार बूथ लेवल एजेंट(बीएलए) हैं.
आयोग ने कहा कि एक बीएलए एक दिन में दस आपत्तियां या सुझाव का सत्यापन कर दाखिल कर सकता है. उसके पास समय की कोई कमी नहीं है. आयोग ने कहा कि बावजूद इसके दो लाख 63 हजार नये मतदाताओं ने एक अगस्त के बाद वोटर लिस्ट में नांम डालने के लिए आवेदन दिया है.
इस पर कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए राजनीतिक दलों की निष्क्रियता पर हैरानी जताई, पूछा कि बूथ स्तर एजेंट क्या कर रहे हैं. कोर्ट ने निराशा जाहिर करते हुए कहा कि राजनीतिक दलों को मतदाताओं की मदद के लिए आगे आना चाहिए.
याद करें कि जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच के पिछली सुनवाई में चुनाव आयोग को आदेश दिया था कि वह उन 65 लाख लोगों की सूची जारी करें जिनके नाम ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में शामिल नहीं किये गये हैं.
इस पर निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर जानकारी दी कि ड्राफ्ट मतदाता सूची में शामिल नहीं किये गये 65 लाख लोगों की बूथवार सूची वेबसाइट पर प्रकाशित कर दी गयी है.
आयोग के वकील राकेश द्विवेदी ने कोर्ट से कहा कि ड्राफ्ट लिस्ट में नाम शामिल न किये जाने के कारणों का भी खुलासा किया है बताया कि ये 65 लाख लोग डिजिटल रूप से भी जानकारी हासिल कर सकते हैं और आधार कार्ड भी जमा कर सकते हैं. सुधार के लिए लोगों को आवेदन के साथ फॉर्म 6 जमा करना होगा.
आयोग के वकील ने कहा कि अब तक किसी भी राजनीतिक पार्टी ने अपनी आपत्ति लिखित में जमा नहीं कराई है. राकेश द्विवेदी ने कहा कि कुछ सांसदों ने याचिका दाखिल की है, राजनीतिक दलों ने नहीं.
कपिल सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि वो राजद के मनोज झा ओर से पेश हो हो रहे है. अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि वो 7 राजनीतिक पार्टियों की ओर से पेश हो रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 8 सितंबर तय की है.
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