New Delhi : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फरवरी, 2025 में आरोप लगाया था कि अमेरिकी एजेंसी यूएसएड ने भारत में वोटर टर्नआउट बढ़ाने के लिए 2.1 करोड़ डॉलर की राशि खर्च की. लेकिन अमेरिकी दूतावास ने एक तरह से ट्रंप के आरोप का खंडन करते हुए उनके दावे को नकार दिया है.
विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्द्धन सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा में यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अमेरिकी दूतावास ने जुलाई 2025 में भारतीय विदेश मंत्रालय को जानकारी दी है कि वर्ष 2014 से वर्ष 2024 के दौरान यूएसएड ने भारत में टर्नआउट बढ़ाने के लिए 2.1 करोड़ डॉलर की राशि नहीं दी थी.
मामले को समझने के लिए थोड़ा पीछे जायें तो फरवरी 2025 में जब ट्रंप दोबारा राष्ट्रपति बने तो उन्होंने यूएसएड एजेंसी को बंद करने का फैसला किया था. उस क्रम में कई बार भारत में वोटर टर्नआउट बढ़ाने के लिए 2.1 करोड़ डॉलर देने का आरोप एजेंसी पर लगाया था.
उन्होंने मियामी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस और रिपब्लिकन गवर्नर्स एसोसिएशन की बैठक सहित अन्य जगहों पर यह आरोप लगाया था. इतना ही नहीं. ट्रंप ने बाइडन सरकार पर भी आरोप मढ़ा था कि वह यूएसएड के माध्यम से वर्ष 2024 में भारत के आम चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश में लगा हुआ था.
विदेश राज्य मंत्री ने जानकारी दी कि 16 फरवरी, 2025 को अमेरिका की यूएस डिपार्टमेंट ऑफ गवर्मेंट एजेंसी (डोज) ने यूएसएड की 48.6 करो़ड़ डॉलर की फंडिंग रोकने (इसमें भारत को वोटर टर्नआउट के लिए 2.1 करोड़ डॉलर की राशि भी शामिल था) की घोषणा की थी.
इस मामले में 28 फरवरी को भारत के विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी दूतावास को पत्र लिखा और पूरी जानकारी मांगी कि किस एनजीओ को पैसा दिया गया.
दो जुलाई, 2025 को अमेरिकी दूतावास ने पत्र लिख कर जवाब दिया कि यूएसएड भारत को ना तो 2.1 करोड़ डॉलर की राशि मिली और ना ही उसने भारत में वर्ष 2014 से वर्ष 2025 को ऐसी राशि जारी की. साथ ही कहा कि भारत में वोटर टर्नआउट के लिए यूएसएड कोई गतिविधि नहीं चलाती.
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