New Delhi : कांग्रेस सांसद जयराम रमेश के ट्वीट पर कि अमेरिका द्वारा पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को निमंत्रण भेजा जाना मोदी सरकार की कूटनीति विफलता है, भाजपा ने पलटवार किया है.
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#WATCH | Delhi | "Jairam Ramesh and Rahul Gandhi are always in a hurry to put India in the dock in the name of attacking PM Modi. They said the same things about the G7. But where will they hide their faces regarding that? There is no need to take them seriously. Today, India… pic.twitter.com/uoxtZb1y8n
— ANI (@ANI) June 12, 2025
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भाजपा सांसद संबित पात्रा ने कहा कि जयराम रमेश और राहुल गांधी हमेशा पीएम मोदी पर हमला करने के नाम पर भारत को कठघरे में खड़ा करने की जल्दी में रहते हैं.
उन्होंने जी7 के बारे में भी यही बातें कही थीं. लेकिन वे इस बारे में अपना चेहरा कहां छिपाएंगे? उन्हें गंभीरता से लेने की कोई जरूरत नहीं है. आज भारत वैश्विक मंच पर बहुत ऊंचे स्थान पर है.
संबित पात्रा ने कहा कि अगर कांग्रेस पार्टी ने आत्महत्या करने का फैसला किया है, तो इस देश के अच्छे नागरिक होने के नाते हमें उनसे भगवान के लिए आत्महत्या न करने की अपील करनी चाहिए.
महाराष्ट्र के कांग्रेस नेता नाना पटोले द्वारा ऑपरेशन सिंदूर की तुलना बच्चों के वीडियो गेम से करने पर संबित पात्रा ने कहा कि पाकिस्तान पर जो ब्रह्मोस मिसाइलें जो दागी गयीं, वे क्या वीडियो गेम का हिस्सा थीं?
भाजपा सांसद ने कहा कि राहुल गांधी वह बच्चा है जिसकी वे बात कर रहे थे, जो दिन-रात वीडियो गेम खेलता है. इसलिए ऑपरेशन सिंदूर जैसा जरूरी मुद्दा उनकी पार्टी के नेताओं को वीडियो गेम जैसा लगता है.
राहुल गांधी से कहिए कि वे वीडियो गेम न खेलें बल्कि अपने आसपास हो रही घटनाओं को लेकर गंभीर रहें.
दरअसल नाना पटोले ने कहा था कि पिछले 11 वर्षों में नरेंद्र मोदी की विदेश नीति कंप्यूटर गेम जैसी रही है. जिसमें शोर और प्रचार तो बहुत दिखाई देता है, लेकिन असली लक्ष्यों को प्राप्त करने में पूरी तरह से विफल रही है.
प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने लगभग 100 देशों की यात्राएं कीं. एयरपोर्ट पर गले लगना, सेल्फी, रोड शो और भाषण तो बहुत हुए, लेकिन नतीजा क्या निकला?
भारत-पाकिस्तान संघर्ष के समय इन 100 देशों में से एक भी देश ने भारत के पक्ष में खुलकर समर्थन नहीं दिया. न संयुक्त राष्ट्र में, न वैश्विक मीडिया में, न कूटनीतिक मंचों पर. यह गले पड़ने वाली विदेश नीति सिर्फ फोटो और वीडियो तक ही सीमित रही और देश को इससे कोई ठोस लाभ नहीं मिला.
यह अब साफ हो गया है. अब पीएम मोदी को जुमलेबाजी से निकल कर पूरे देश को युद्गविराम का सच बताना ही पड़ेगा. भाजपा के लोग हमें गालियाँ दें, हम पर हमला करें, हमें कोई आपत्ति नहीं. लेकिन उससे पहले नरेंद्र मोदी अमेरिका के सामने क्यों सरेंडर हो गये, इसका जवाब जरूर दें.