पीजी के चार लाख 5 हजार 50 और ग्रेजुएट दो लाख 37 हजार 845 बेरोजगार
जेएमएम और कांग्रेस दोनों के घोषणा पत्र में शामिल था रोजगार का मुद्दा
बेरोजगारों को हर महीने 416 रूपये भत्ता देने की घोषणा के साथ तकनीकी योग्यता अनिवार्य
Chhaya
Ranchi: कोरोना काल के साथ-साथ केंद्र और राज्य सरकार के समक्ष बेरोजगारी एक बड़ी चुनौती है. जहां देश की बेरोजगारी दर 10.8 प्रतिशत है. वहीं झारखंड में बेरोजगारी दर 16.5 है. 2019 के विधानसभा चुनाव में बेरोजगारी दूर करने की बात अहम मुद्दों में से एक थी. झारखंड में फिलहाल 8,85,990 लोग रजिस्टर्ड बेरोजगार हैं. इसमें 7,54,196 लोग ऐसे है जिनका रजिस्ट्रेशन अभी भी मान्य है. बता दें हर तीन साल के लिये बेरोजगारों का रजिस्ट्रेशन किया जाता है. वहीं अब तक मात्र 45,528 लोगों को ही रोजगार उपलब्ध कराया गया है. ये आंकड़े श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग ने जारी किये है.
पिछले तीन साल में दोगुनी हुई बेरोजगारी
श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के आंकड़ों की माने तो राज्य में इंटर पास 2,55,714 लोग बेरोजगार है. वहीं ग्रेजुएट बेरोजगारों की संख्या 2,37,845, पीजी के 4,05,050 और पीएचडी किये हुए बेरोजगारों की संख्या 77 है.
2018 में राज्य की बेरोजगारी दर 7.7 प्रतिशत था
राज्य के इकॉनॉमिस्ट हरिश्वर दयाल ने बताया कि साल 2018 में राज्य की बेरोजगारी दर 7.7 प्रतिशत था. वहीं इस साल ये 16.5 प्रतिशत है. जो काफी अधिक है. अलग- अलग सेक्टर में काम करने वाले लोगों के प्रतिशत को देखें तो 43 प्रतिशत लोग कृषि, वनोत्पाद, मछली पालन में लगे है. वहीं 21 प्रतिशत लोग निर्माण कार्य में लगे है. 7.9 प्रतिशत लोग होलसेल, रिटेलर मोटरसाइकल रिपेयरिंग आदि कार्य में लगे है. वहीं 8.42 प्रतिशत लोग मैन्युफैक्चरिंग कार्य में लगे है. उन्होने कहा कि कितने लोग रोजगार प्राप्त है इसके आंकड़े जनगणना के बाद ही पता चलेगा. कुछ सेक्टर है जो अनिश्चित भी है. ऐसे में बगैर जनगणना के ये आंकड़े नहीं जान सकते है.
रोजगार देने वाले संस्थानों की संख्या 1796
राज्य सरकार की ओर से इस साइट में बरेाजगारों के आंकड़े दी जाती है. जिसके मुताबिक राज्य में सिर्फ 1796 इंप्लायर रजिस्टर्ड है. जो रोजगार देंगे. राज्य सरकार ने इन इंप्लॉयरों से एकरार किया है. जहां एक ओर राज्य में रजिस्टर्ड बेरोजगारों की संख्या आठ लाख 85 हजार 990 है. वहीं इंप्लॉयर 1796 की संख्या काफी कम है.
416 रुपये बेरोजगारी भत्ता प्रति माह
बता दें राज्य में सत्ता धारी जेएमएम और कांग्रेस दोनों के ही घोषणा पत्र में नौकरी देने की बात कही गयी थी. जहां एक ओर चुनाव के समय जेएमएम ने सात से पांच हजार बेरोजगारी भत्ता देने की बात कही थी. लेकिन इस साल मार्च में सरकार ने 416 रूपये रजिस्टर्ड बेरोजगारों को भत्ता देने की बात कही. वहीं इस भत्ता के लिये तकनीकी योग्यता अनिवार्य कर दी गयी. जिससे कई युवा इस भत्ता से वंचित हो जायेंगे. कांग्रेस पार्टी ने भी परिवार के एक सदस्य को रोजगार देने की बात की थी.
वहीं पिछले साल 23 दिसंबर को राज्य सरकार का लक्ष्य था कि दस से पंद्रह हजार युवाओं को रोजगार दिया जायेगा. लेकिन कोरोना महामारी के कारण अब तक इस पर कुछ नहीं किया गया है. सत्ता संभालने के साथ ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा था कि आने वाले दो साल में पांच लाख युवाओं को रोजगार दिया जायेगा. ऐसे में अब तक इन रोजगार संबंधी घोषणाओं पर राज्य सरकार ने कुछ नहीं किया है.