Ranchi / New Delhi : झारखंड में पिछले कई दिनों से हो रही कोयले की कमी का असर अब देश में दिखने लगा है. कोयले की कमी के कारण बिजली उत्पादन में गिरावट आयी है. जिसे देश के कई राज्यों में बिजली संकट बनी हुई है. कई राज्यों को मात्र 8 से 10 घंटे ही बिजली मिल पा रही है. झारखंड में कोयले की कमी के कारण 285 मेगावाट से लेकर 430 मेगावाट तक की लोड शेडिंग करनी पड़ी है. झारखंड के गांवों में अभी से 8 से 10 घंटे की कटौती की जा रही है. बता दें कि झारखंड में बिजली की मांग लगभग 2200 मेगावाट है. राज्य में अधिकतम 500 मेगावाट तक बिजली उपलब्ध होती है. बाकी की मांग सेंट्रल पूल के जरिये उपलब्ध करायी जाती है. झारखंड में डीवीसी और एनटीपीसी की इकाइयों द्वारा बिजली आपूर्ति की जाती है.
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बिहार सरकार बिजली के लिए पांच गुना अधिक कीमत चुका रही
झारखंड में कोयले की कमी का असर अब बिहार में भी देखने को मिल रहा है. बिहार सरकार द्वारा पांच गुना अधिक कीमत चुकाने पर भी बिजली कंपनियां बिजली सप्लाई नहीं कर पा रही है. ऊर्जा विकास निगम ने बताया कि राज्यों की जितनी डिमांड है.उसके मुताबिक काफी कम बिजली सेंट्रल पूल से मिल रहा है. पूरे भारत में लगभग 10 हजार मेगावाट बिजली की कमी महसूस की जा रही है.बिजली की कमी के कारण नेशनल पावर एक्सचेंज में प्रति यूनिट बिजली की दर में वृद्धि हो गयी है. सामान्य तौर पर पांच रुपये प्रति यूनिट मिलने वाली बिजली अब 20 रुपये प्रति यूनिट तक पहुंच गयी है.
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त्यौहारों में बिजली संकट और गहरा सकता है
झारखंड के बिजली उत्पातदक संयंत्रों के पास अब सीमित कोयले का भंडार है. राज्य सरकार ने बढ़ी दर पर नेशनल पावर एक्स चेंज से बिजली खरीदने की बात कही है. राज्य द्वारा जितनी बिजली की डिमांड की जा रही उतनी उपलब्ध नहीं है. बताया जा रहा है कि त्यौहारों में बिजली संकट और गहरा सकता है.
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केंद्र ने कहा- हमारे पास है कोयले का पर्याप्त भंडार
केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने चीन में कोयले की कमी और भारत में कोयले की बढ़ती मांग पर कहा कि देश में कोयले का पर्याप्त भंडार उपलब्ध है. जिसे मांगों की पूर्ति की जा सकती है. उन्होंने कहा कि कोयले की मांग बढ़ी है और हम इस मांग को पूरा कर रहे हैं. फिलहाल, हमारे पास मौजूद कोयले का स्टॉक चार दिन तक चल सकता है. उन्होंने जोर देकर कहा कि चीन की तरह भारत में कोयला संकट नहीं है.
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