Ranchi: स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी के बेटे कृष अंसारी का हॉस्पिटल निरीक्षण करना महंगा पड़ गया. ऐसा सियासी बवाल मचा कि कृष अंसारी को अपने सोशल मीडिया अकाउंड (इंस्टाग्राम) से सारा पोस्ट डिलीट करना पड़ा.
इसके बाद डॉ इरफान अंसारी ने अपने बेटे के पक्ष में सोशल मीडिया में एक भावुक पोस्ट भी लिखा, जिसमें कहा कि कृष बार-बार मुझसे एक ही सवाल कर रहा है – "पापा, क्या लोगों की मदद करना गुनाह है? क्या किसी की तकलीफ देखकर मदद करना नेतागिरी कहलाता है?"
यह सवाल मुझे भीतर तक तोड़ देता है. मेरा बेटा न तो किसी किसान को गाड़ी से कुचलता है और न ही सत्ता के नशे में इंसानियत भूल जाता है. उसने तो बस एक बीमार को देखा और मदद की. कृष का मन टूटा हुआ है, लेकिन उसके इरादे मजबूत हैं.
वहीं अपने इंस्टाग्राम पोस्ट को डिलीट करने के बाद कृष अंसारी ने अपने स्टेटस पर अंग्रेजी में एक संदेश लिखा है.
जिसका हिन्दी अनुवाद इस प्रकार है -
मैं फ़िलहाल अपनी सारी पोस्ट हटा रहा हूं. हां, मुझे वरिष्ठ राजनीतिक हस्तियों और मीडिया के कुछ हिस्सों से कड़ी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ रहा है.
एक बात साफ कर दूं- मेरी पोस्ट का उद्देश्य किसी को बदनाम करना या भड़काना नहीं था. मैंने जमीनी हक़ीकत और उन सार्वजनिक मुद्दों को उजागर किया जिनसे लोग रोज जूझ रहे हैं.
मैंने जो कुछ भी शेयर किया, वह सार्वजनिक, वास्तविक और तथ्यात्मक था, चाहे वह खाद्य वितरण हो या जमीनी चिंताएं.
कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं था, कोई गलत सूचना नहीं थी, कोई सार्वजनिक स्टंट नहीं था, बस मदद करने, जागरूकता बढ़ाने और उन लोगों के साथ खड़े होने का इरादा था, जिनकी अक्सर कोई सुनवाई नहीं होती.
इसका मतलब यह नहीं है कि मैं सच्चाई से पीछे हट जाता हूं. इसका मतलब बस इतना है कि मैं अपना समय और माध्यम सोच-समझकर चुनता हूं.
यह मुहिम जारी रहेगी.
मेरा समर्थन करने, शेयर करने और मेरे साथ खड़े रहने वाले सभी लोगों का शुक्रिया.
आपका विश्वास आपके विचार से कहीं ज़्यादा मायने रखता है.
मैं आप सभी से प्यार करता हूं.