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झारखंड के तीन संकुल स्तरीय संगठनों को राष्ट्रीय व क्षेत्रीय स्तर पर मिला सम्मान

Ranchi : महिला अभिवृद्धि सोसायटी (APMAS) द्वारा हैदराबाद में आयोजित ‘‘SHG Federation Awards 2025’’ में झारखंड की महिला संकुल स्तरीय संस्थाओं (CLF) ने उत्कृष्ट नेतृत्व और संगठन क्षमता का परिचय देते हुए राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कीं. राज्य के तीन CLF को इस प्रतिष्ठित समारोह में सम्मानित किया गया, जिससे झारखंड का नाम राष्ट्रीय पटल पर और ज्यादा मजबूत हुआ है.

 

पुरस्कार समारोह में चतरा जिले के धनकेरी और बनहे संकुल स्तरीय संगठन ने राष्ट्रीय स्तर पर क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया. वहीं, पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला प्रखंड स्थित बगुरिया CLF को पूर्वी क्षेत्र में द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया. ग्रामीण महिलाओं के इन संगठित प्रयासों ने राज्य की महिला नेतृत्व क्षमता, पारदर्शी प्रबंधन और सामूहिक कार्य संस्कृति को नए आयाम दिए हैं.

 

जेएसएलपीएस के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी अनन्य मित्तल ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व और राज्य सरकार के सहयोग से झारखंड के 423 मॉडल क्लस्टर लेवल फेडरेशन महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड की महिलाओं ने राष्ट्रीय मंच पर अपने संगठन कौशल के साथ राज्य का गौरव बढ़ाया है.

 

चतरा जिले के धनकेरी आजीविका महिला संकुल स्वयं सम्भाल सहकारी समिति लिमिटेड ने राष्ट्रीय स्तर पर दूसरा स्थान प्राप्त किया. वर्ष 2018 में गठित इस CLF से तीन पंचायतों के करीब 3,100 महिलाएं जुड़ी हुई हैं. वार्षिक योजना, वित्तीय समीक्षा, डिजिटल मॉनिटरिंग और 100 प्रतिशत ऋण पुनर्भुगतान जैसे मानकों पर उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर इसे सम्मानित किया गया.

 

इसी जिले के बनहे आजीविका महिला स्वावलंबी संकुल संघ ने तीसरा स्थान हासिल किया. इस संगठन ने पारदर्शी वित्तीय प्रबंधन, डिजिटल रिपोर्टिंग और सुदृढ़ फंड फ्लो व्यवस्था के आधार पर राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई.

 

पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला प्रखंड का बगुरिया आजीविका महिला संकुल संगठन स्वावलंबी सहकारी समिति लिमिटेड पूर्वी क्षेत्र में द्वितीय स्थान पर रहा. संगठन ने किसानों की पूंजी और तकनीकी से जुड़ी समस्याओं को दूर करते हुए कम-ब्याज दर पर CIF ऋण प्रदान किए तथा कृषि तकनीक के प्रसार के लिए 22 एग्रीकल्चर मित्र और दो वरिष्ठ मार्गदर्शकों की तैनाती की.

 

बीज, खाद और उपकरण उपलब्ध कराकर संगठन ने कई परिवारों को पुनः खेती से जोड़ने में सफलता हासिल की. आज क्षेत्र के लगभग 2,500 किसान सब्जी उत्पादन के माध्यम से ‘लखपति किसान’ बन चुके हैं. झारखंड के इन तीनों CLF ने न केवल महिला नेतृत्व का मजबूत उदाहरण पेश किया है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में भी नई उम्मीदें जगाई.

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