Ranchi : सारंडा और कोल्हान के जंगलों में सक्रिय महिला नक्सलियों के यौन शोषण की खबरें सामने आई है. संगठन के ही बड़े नक्सली इन महिलाओं का शोषण कर रहे हैं, जिससे परेशान होकर कई महिला नक्सली भाग गई हैं.
जानकारी के मुताबिक, सारंडा और कोल्हान के जंगल में करीब 15 से 20 महिला नक्सली सक्रिय थी. लेकिन हाल के दिनों में जबरन यौन शोषण से परेशान तीन महिला नक्सली संगठन को छोड़कर फरार हो गई हैं.
नक्सलियों ने ग्रामीण डॉक्टर से ली है दवाई
भाकपा माओवादी संगठन के बड़े नक्सलियों द्वारा महिला नक्सलियों का जबरन यौन शोषण किया जा रहा है. इतना ही नहीं इन नक्सलियों ने ग्रामीण क्षेत्र के डॉक्टर से महिला नक्सलियों का गर्भपात कराने के किए दवाई भी ली है.
नक्सली संगठन के भीतर महिला नक्सलियों के साथ अत्याचार की कहानी कोई नयी नहीं है. 31 अगस्त को चाईबासा पुलिस ने जोनल कमेटी सदस्य संदीप उर्फ हिडिया पांडेयाम और शिवा को गिरफ्तार किया था. दोनों ने भाकपा माओवादी संगठन के केंद्रीय कमेटी सदस्य अनल उर्फ रमेश पर महिला दस्ता के सदस्यों के साथ शारीरिक शोषण करने का आरोप लगाया है.
पूर्व महिला नक्सलियों के चौंकाने वाले खुलासे :
- साल 2019 में दुमका में आत्मसमर्पण करने वाली महिला नक्सली पीसी दी उर्फ प्रीशिला देवी ने बताया था कि नक्सली संगठन में महिलाओं को हर रोज अत्याचार सहना पड़ता है.
- साल 2015 में हजारीबाग में गिरफ्तार की गई महिला नक्सली (ललिता और सुनीता) ने भी पुलिस को बताया था कि माओवादी संगठन में महिला सदस्य सुरक्षित नहीं हैं. यौन शोषण करना पुरुष नक्सलियों की आदत है.
- साल 2014 में रांची में आत्मसमर्पण करने वाली महिला नक्सली गरुवरी ने खुलासा किया था कि कुंदन पाहन नाम का एक नक्सली नेता उसका यौन शोषण करता था और अगर वह किसी से इस बारे में कहती, तो वह उसके परिवार को मारने की धमकी भी देता था.
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