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अनुभव साझा किया
कार्यक्रम में कैलाश सत्यार्थी ने राज्य में अपने कार्यों और बाल मजदूरी मुक्त बनाने के प्रयासों का अनुभव साझा किया. उन्होंने कहा कि 15 साल पहले मैंने झारखंड में 4 साल से कम उम्र के बच्चों को अभ्रक खदानों में काम करते देखा. उनके छोटे हाथों में रंग और खिलौनों की जगह अभ्रक की धूल थी. अभ्रक के नुकीले सिरे से कई बार हाथ कट भी जाते थे. हर बच्चे को सुरक्षित, स्वस्थ और शिक्षित करने के लिए हमने उनको केंद्र में रखकर काम किया. बाल मित्र ग्राम बच्चों के जीवन के बारे में निर्णय लेने में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करता है. बच्चे देश का भविष्य हैं हमें प्रयास करना चाहिए की उनका बचपन आजाद हो. इसे भी पढ़ें-खूंटी">https://lagatar.in/police-naxal-encounter-in-khunti-naxalites-fled-after-seeing-the-security-forces-getting-heavy/">खूंटीमें पुलिस-नक्सली मुठभेड़, सुरक्षाबलों को भारी पड़ता देख भागे नक्सली
स्कूलों में नामांकन का दिया आदेश – श्रम मंत्री
इस अवसर पर श्रम और रोजगार मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने अपने संबोधन में कहा कि आज हम सभी को यह संकल्प लेना है कि हम सब मिलकर बाल श्रम को समाप्त करेगें. सभी बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की व्यवस्था करेंगें. झारखंड सरकार बच्चों की सुरक्षा के लिए हरसंभव कदम उठा रही है. कोडरमा प्रशासन को यह आदेश दिया गया है कि जो बच्चें अभ्रक क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं उन्हें वहां से मुक्त कराएं और उनका स्कूलों में नामांकन कराएं. इसे भी पढ़ें-आयुष्मान">https://lagatar.in/the-scope-of-ayushman-bharat-will-increase-many-more-hospitals-will-be-empaneled-hemant-soren/">आयुष्मानभारत का दायरा बढ़ेगा, कई और अस्पतालों का होगा इंपैनलमेंट: हेमंत सोरेन
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