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छोटे हाथों में रंग और खिलौनों की जगह अभ्रक की धूल देख शुरु किया प्रयास – कैलाश सत्यार्थी

Ranchi : कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन (केएससीएफ) ने अंतरराष्ट्रीय बाल दिवस (20 नवंबर) की पूर्व संध्या् कोडरमा में मनाया. इस अवसर पर फाउंडेशन ने बाल मित्र ग्राम (बीएमजी) कार्यक्रम के जरिए झारखंड-बिहार के अभ्रक खनन क्षेत्र को 15 सालों में बाल मजदूर-मुक्त बनाने के लिए एक परिचर्चा का आयोजन किया. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता नोबेल शांति पुरस्काकर से सम्मानित कैलाश सत्याचर्थी ने किया. वहीं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि झारखंड के श्रम एवं रोजगार मंत्री सत्यानंद भोक्ता थे. दो सत्रों के इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में सिविल सोसायटी संगठनों, कॉरपोरेट घरानों और पूर्व बाल श्रमिकों ने हिस्सा लिया. इसे भी पढ़ें-पान">https://lagatar.in/if-you-are-fond-of-paan-then-definitely-come-hazaribagh-more-than-a-hundred-flavors-will-be-found-in-this-engineers-shop-watch-video/">पान

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अनुभव साझा किया

कार्यक्रम में कैलाश सत्यार्थी ने राज्य में अपने कार्यों और बाल मजदूरी मुक्त बनाने के प्रयासों का अनुभव साझा किया. उन्होंने कहा कि 15 साल पहले मैंने झारखंड में 4 साल से कम उम्र के बच्चों को अभ्रक खदानों में काम करते देखा. उनके छोटे हाथों में रंग और खिलौनों की जगह अभ्रक की धूल थी. अभ्रक के नुकीले सिरे से कई बार हाथ कट भी जाते थे. हर बच्चे को सुरक्षित, स्वस्थ और शिक्षित करने के लिए हमने उनको केंद्र में रखकर काम किया. बाल मित्र ग्राम बच्चों के जीवन के बारे में निर्णय लेने में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करता है. बच्चे देश का भविष्य हैं हमें प्रयास करना चाहिए की उनका बचपन आजाद हो. इसे भी पढ़ें-खूंटी">https://lagatar.in/police-naxal-encounter-in-khunti-naxalites-fled-after-seeing-the-security-forces-getting-heavy/">खूंटी

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स्कूलों में नामांकन का दिया आदेश – श्रम मंत्री

इस अवसर पर श्रम और रोजगार मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने अपने संबोधन में कहा कि आज हम सभी को यह संकल्प लेना है कि हम सब मिलकर बाल श्रम को समाप्त करेगें. सभी बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की व्यवस्था करेंगें. झारखंड सरकार बच्चों की सुरक्षा के लिए हरसंभव कदम उठा रही है. कोडरमा प्रशासन को यह आदेश दिया गया है कि जो बच्चें अभ्रक क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं उन्हें वहां से मुक्त कराएं और उनका स्कूलों में नामांकन कराएं. इसे भी पढ़ें-आयुष्मान">https://lagatar.in/the-scope-of-ayushman-bharat-will-increase-many-more-hospitals-will-be-empaneled-hemant-soren/">आयुष्मान

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क्या करता है फाउंडेशन और क्या है उपलब्धियां

कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेंस फाउंडेशन ने बाल मित्र ग्राम परियोजना के तहत 500 से अधिक गांवों में काम किया. हजारों बच्चों और उनके परिवारों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने का काम किया है. जानकारी के अनुसार फाउंडेशन के जरिए दैनिक आधार पर 83,228 बच्चों को सुरक्षा मिली है. जबकि 40,000 से अधिक बच्चों की स्कूलों में नियमित और लगातार उपस्थिति दर्ज हुई है. जिसका अभ्रक खनन क्षेत्र के 35,000 से अधिक परिवारों पर प्रभाव पड़ा. बीएमजी के माध्यम से स्कूकल से बाहर हो चुके या अनियमित 21,000 से अधिक बच्चों को फिर से स्कूलों से जोड़ा गया. [wpse_comments_template]

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