Varanasi : वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद मामले में महिला वादियों में फूट की खबरों ने हलचल मचा दी है. खबरों के अनुसार पांच में से एक वादी सोमवार को अपना केस वापस ले लेंगी. बता दें कि काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर और ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी सहित अन्य देवी-देवताओं की पूजा और मूर्तियों की सुरक्षा की मांग को लेकर पांच महिला वादियों में से एक ने अपना केस वापस लेने की घोषणा की है.
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राखी सिंह कल सोमवार को अपना केस वापस लेंगी
सूत्रों के अनुसार हिन्दू पक्ष की तरफ से पांच वादी में से एक राखी सिंह कल सोमवार को अपना केस वापस लेंगी, हालांकि हिन्दू पक्ष ने कहा है कि बाकी चार वादी अपने रुख पर कायम हैं. कहा जा रहा है कि हिन्दू पक्ष के वकील सहित अन्य पदाधिकारी बैठक कर आगे की रणनीति तय करेंगे. जान लें कि चार वादी जिन्होंने केस जारी रखने का फैसला किया है, उनमें सीता साहू, मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी और रेखा पाठक शामिल हैं. हालांकि राखी सिंह द्वारा केस वापस लेने के निर्णय के पीछे का कारण अभी स्पष्ट नहीं है.
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विधि सलाहकार समिति को भंग कर दिया
कहा जा रहा है कि ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के दौरान विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन वादी पक्ष की ओर से मौजूद नहीं थे. इसके बाद ही फूट की आशंका बढ़ गयी थी. इस केस की अगुवाई करने वाली संस्था विश्व वैदिक सनातन संघ ने शनिवार को ही अपने लेटर हेड पर जानकारी साझा करते हुए विधि सलाहकार समिति को भंग कर दिया था.
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18 अगस्त 2021 को महिलाओं ने कोर्ट से लगायी थी गुहार
18 अगस्त 2021 को वाराणसी की 5 महिलाएं श्रृंगार गौरी मंदिर में रोजाना पूजन-दर्शन की मांग को लेकर कोर्ट पहुंचीं थीं. महिला वादियों ने कोर्ट से कहा था कि श्रृंगार गौरी मंदिर में पहले की परंपरा के अनुसार साल में 2 बार पूजा होती थी. इन महिलाओं ने मांग की कि परिसर में मौजूद अन्य देवी देवताओं की रोजाना पूजा अर्चना में बाधा नहीं आनी चाहिए.
कोर्ट में दायर इस अपील पर सिविल जज ने परिसर में सर्वे और वीडियोग्राफी करने के आदेश दिये हैं. 10 मई को इस पर रिपोर्ट मांगी गयी है. लेकिन इससे पहले लगातार तीन दिन तक होने वाला सर्वे मुस्लिम पक्ष के विरोध के कारण दो दिन तक ही हो पाया है. अब इस मामले में सोमवार को सुनवाई होनी है.