सरकार से मृतक के आश्रित को नौकरी और मुआवजा देने की मांग
Latehar : गत 19 जुलाई को जिले के नेतरहाट थाना क्षेत्र के दौना ग्राम में पुलिस की मुखबिरी करने के आरोप में माओवादियों ने देवकुमार प्रजापति (38) की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी. एक अगस्त को झारखंड कुम्हार समन्वय समिति के प्रदेश अध्यक्ष सह माटीकला बोर्ड के सदस्य अविनाश देव के नेतृत्व में प्रमंडलीय स्तरीय टीम दौना ग्राम पहुंची और दिवगंत देव कुमार के परिजनों से मुलाकात की. उन्होंने घटना की जानकारी परिजनों से ली और उन्हें ढांढ़स बंधाया. टीम के सदस्यों ने इस घटना की निंदा की. कहा कि सरकारी प्रावधानों के अनुसार पीड़ित परिवार की हर मदद करायी जायेगी. उन्होंने सरकार से मुआवजा व नौकरी की मांग की. टीम में ललन प्रजापति, पलामू से भूनेश प्रजापति, गढ़वा से अनूप प्रजापति गढ़वा व लातेहार से पत्रकार संजय प्रजापति शामिल थे. पत्रकार संजय प्रजापति ने कहा कि यह एक जघन्य अपराध है. समाज को इसके खिलाफ एकजुट होना चाहिए. ऐसे लोगों का सामाजिक बहिष्कार होना चाहिए. इसे भी पढ़ें : वैशाली">https://lagatar.in/vaishali-one-crore-15-lakh-looted-from-axis-bank-on-the-force-of-arms/">वैशाली: हथियार के बल पर Axis Bank से एक करोड़ 15 लाख की लूट, CCTV फुटेज खंगाल रही पुलिस
खाताधारकों को बैंकिग सुविधाओं व योजनाओं की दी जानकारी
alt="पुलिस मुखबिरी में मारे गए देव कुमार के परिजनों से मिला प्रजापति समाज" width="600" height="400" /> लातेहार। भारतीय स्टेट बैंक, महुआडांड़ शाखा के द्वारा संचालित ग्राहक सेवा केंद्र के संचालक इंद्रनाथ प्रसाद ने बैंक के खाताधारकों को विभिन्न बैंकिग सुविधाओं की जानकारी दी. उन्होंने केंद्र सरकार के द्वारा प्रायोजित सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत तीन योजनाओं की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत वार्षिक 20 रुपये प्रीमियम देकर दो लाख रुपये का बीमा प्राप्त किया जा सकता है. प्रधानमंत्री ज्योति अटल बीमा योजना में वार्षिक मात्र 436 रुपये में दो लाख रुपये तक का बीमा किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि अटल पेंशन योजना में आवधिक अंशदान कर 60 वर्ष की आयु के बाद एक से पांच हजार रुपये पेंशन का लाभ लिया जा सकता है. इसके अलावा श्री प्रसाद ने खाता धारकों को फेक कॉल व अन्य फ्रॉड से बचने की अपील की. उन्होंने कहा कि बैंक के द्वारा कभी किसी खाता धारक से एटीएम नंबर या कोई पिन या ओटीपी नंबर नहीं मांगा जाता है. उन्होंने कहा कि साइबर अपराधी खाताधारकों को प्रलोभन देकर फंसाते हैं, फिर उनके खाता से राशि की अवैध निकासी कर लेते हैं. इसे भी पढ़ें : विष्णु">https://lagatar.in/vishnu-aggarwal-and-chhavi-ranjan-used-to-talk-through-whatsapp-and-facetime-confidential-documents-were-also-transacted/">विष्णु
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