Ranchi : झारखंड सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा के लिए शिक्षक तैयार करने का निर्णय लिया है. इसके लिए राज्य के शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों में प्रारंभिक शिक्षा में डिप्लोमा पाठ्यक्रम की पढ़ाई शुरू कराई जाएगी. यह डिप्लोमा पाठ्यक्रम दो वर्ष का होगा, जिसमें नामांकन 12वीं कक्षा के बाद होगा. इस पाठ्यक्रम को पूरा करने वाले युवा प्री नर्सरी के साथ-साथ पहली और दूसरी कक्षा के शिक्षक बन सकेंगे.
पाठ्यक्रम का उद्देश्य
- शिक्षक तैयार करना: इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य उन युवाओं को शिक्षक के रूप में तैयार करना है, जो तीन से आठ वर्ष के बच्चों की शिक्षा के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं.
- बच्चों का समग्र विकास: यह पाठ्यक्रम बच्चों के समग्र विकास, जैसे कि सामाजिक, भावनात्मक, संज्ञानात्मक और शारीरिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है. झारखंड में वर्तमान में मात्र एक संस्थान गढ़वा के गुरुपद शिक्षक प्रशिक्षण कालेज में इस पाठ्यक्रम की पढ़ाई होती है
पाठ्यक्रम की विशेषताएं
- क्रेडिट आधारित: यह पाठ्यक्रम नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क के अनुसार कई क्रेडिट होंगे, जिनका उल्लेख भी करिकुलम में किया गया है.
- थ्योरी और प्रैक्टिकल: कुल 40 क्रेडिट में थ्योरी और प्रैक्टिकल का अनुपात पांच अनुपात तीन का होगा.
- स्कूल एक्सपीरिएंस प्रोग्राम: दो वर्ष के पाठ्यक्रम के दौरान अंतिम 90 दिन स्कूलों में कक्षाएं लेनी होगी.