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यूपी : तीन बच्चों सहित पांच लोगों की करंट लगने से मौत, बिजली विभाग की अमानवीय लापरवाही, किसी ने फोन नहीं उठाया

Ghaziabad : यूपी के गाजियाबाद में नेहरू नगर के राकेश मार्ग स्थित दुकान पर करंट से तीन बच्चों और दो वयस्क लोंगों की मौत के मामले में नया खुलासा हुआ है. खबर है कि इसमें बिजली विभाग के जेई की लापरवाही सामने आयी है. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हादसे के बाद लगभग 15 मिनट तक पांचों लोग तड़पते रहे. लोगों का कहना है कि बिजली विभाग के अधिकारियों से संपर्क करने का प्रयास किया गया था,, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया. इसे भी पढ़ें : कांग्रेस">https://lagatar.in/whether-or-not-election-strategist-prashant-kishor-will-enter-congress-sonia-gandhi-will-put-the-final-seal/">कांग्रेस

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 सीएम योगी आदित्यनाथ ने संवेदना जताई, जांच के आदेश

इस हादसे पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने दुख जताते हुए जिला प्रशासन को मामले की जांच कराने व परिवार को आर्थिक मदद पहुंचाने के आदेश दिये हैं.जिला प्रशासन ने जांच के लिए एडीएम सिटी शैलेन्द्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में समिति का गठन किया है. जान लें कि नेहरू नगर राकेश मार्ग के पास गली नंबर तीन में बुधवार को बारिश के बाद पानी भर गया था. वहां स्थित एक परचून की दुकान पर टीनशेड लगा हुआ था. इसके ऊपर से बिजली का तार गया हुआ था. बारिश हो रही थी. उसी दौरान तार टीनशेड को छू गया और करंट नीचे तक फैल गया. इसे भी पढ़ें : अफगानिस्तान">https://lagatar.in/politics-should-not-be-on-afghanistan-many-celebrities-including-natwar-singh-yashwant-sinha-mani-shankar-aiyar-wrote-letter-to-pm-modi/">अफगानिस्तान

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तीन साल की सुरभि, 10 साल की खुशी व 11 साल की सिमरन करंट की चपेट में आ गयी

इस कारण वहां से गुजर रही तीन साल की सुरभि, 10 साल की खुशी व 11 साल की सिमरन करंट की चपेट में गयी. बच्चों का आर्तनाद सुनकर सुरभि की मां जानकी वहां मदद को आयी, लेकिन उसे भी करंट लगा. बच्चों और महिला की पुकार सुनकर पास में रहने वाले लक्ष्मीनारायण वहां पहुंचे, लेकिन वह भी हादसे का शिकार हो गये. घटनास्थल के पास रहने वाले बालकृष्ण अग्रवाल के अनुसार उन्होंने जेई को 2-3 बार कॉल किया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया. इसके बाद किसी प्रकार मेन लाइन का नंबर निकालकर वहां फोन कियी गया. जिसके बाद सप्लाई बंद की गयी, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी और हादसे में पांचों की त़ड़प-तड़प कर मौत हो गयी. हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने बिजली विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि इलाके में जगह-जगह जर्जर तार लटके हुए हैं. इस पर विभाग ध्यान नहीं देता है, कहा कि जहां हादसा हुआ, वहां भी तार काफी नीचे लटका हुआ था. यही वजह रही कि तार टीनशेड को छू गया और करंट फैल गया. इसे भी पढ़ें : सुब्रमण्यन">https://lagatar.in/subramanian-swamys-another-attack-on-the-modi-government-there-is-a-boom-in-gdp-so-how-did-15-lakh-people-become-unemployed-in-august/">सुब्रमण्यन

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लोगों ने जीटी रोड पर जाम किया

हादसे के बाद गुस्साये लोगों ने जीटी रोड जाम कर दिया.। लोगों ने बिजली विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. लोगों ने कहा कि जब तक दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी, वे लोग सडक से नहीं हटेंगे. लेकिन जाम की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को समझाकर शांत कराया व जाम हटवाया.

हादसा देखा तो मदद के लिए दौड़े

जानकारी के अनुसार, हादसे में जान गंवाने वाले लक्ष्मीनारायण अपने बच्चे के साथ घर के बाहर बैठे हुए थे. इसी क्रम में उन्होंने झेखी कि तीन बच्चे करंट लगने के बाद चिल्ला रहे हैं. वह फौरन अपने बच्चे को अंदर छोड़कर उन तीन बच्चों को बचाने दौड़े. लेकिन उन्हें बचाने की कोशिश में वह भी करंट की चपेट में गये और उनकी मौत हो गयी. लोगों ने बताया कि लक्ष्मीनारायण की 2019 में शादी हुई थी. एक माह पहले उनके घर में बेटे का जन्म हुआ था.

चीज लेने गयी थी खुशी, पर जिंदा नहीं लौटी

हादसे में मारी गयी खुशी के पिता अखिलेश प्रसाद सब्जी बेचते हैं. बुधवार को उन्होंने बेटी को चीज लाने के लिए पैसे दिये थे. वह अपने भाइयों को बिना बताये दुकान से चीज लेने चली गयी। लौटते समय परचून की दुकान के पास पानी में कदम पड़ने पर करंट की चपेट में गयी और उसकी मौत हो गयी.

इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्टर को जांच के लिए कहा गया

जांच के सदस्य और बिजली विभाग के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर सुनील कूपर ने बताया कि लाइन में कोई फॉल्ट नहीं था। इस मामले में इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्टर को जांच के लिए कहा गया है। वहीं इस मामले में उप-जिलाधिकारी सदर डीपी सिंह ने बुधवार देर शाम को डीएम को अपनी रिपोर्ट दे दी. रिपोर्ट में एसडीएम ने डीएम को बताया है की करंट से मरने वाले पांचों लोग मधुबनी बिहार के रहने वाले थे और यहां किराये के मकान में रह रहे थे. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में मृतकों के परिवार के लोगों को मुख्यमंत्री राहत कोष से आर्थिक सहायता दिये जाने की बात कही है. [wpse_comments_template]

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