Ranchi: राजधानी में निजी अस्पतालों की मनमानी कम होने का नाम नहीं ले रही है. शनिवार को भी एक ऐसा ही मामला रांची के धुर्वा स्थित एचईसी के पारस अस्पताल से आया है. मृतक के परिजनों ने अस्पताल पर आरोप लगाया है. परिजनों ने कहा कि इलाज के नाम पर अस्पताल ने 12 लाख रुपए लिए. दरसअल पिछले एक महीने से रातू के रहने वाले शंकर सिंह का इलाज धुर्वा स्थित पारस अस्पताल में चल रहा था. मरीज कोरोना संक्रमित थे. अस्पताल के डॉक्टर उनके उच्चतर इलाज का हवाला देकर पैसा लेते रहे.
कोरोना संक्रमित होने की बात कह मरीज से नहीं मिलने देते थे डॉक्टर
मृतक शंकर सिंह के परिजनों ने बताया कि कोरोना संक्रमित होने के कारण अस्पताल प्रबंधन द्वारा मरीज से मिलने नहीं दिया जाता था. जब भी मरीज की हालत की जानाकरी मांगी जाती थी तो हालत ठीक है कहकर बात को टाल दिया जाता था. लेकिन शनिवार को जब मरीज से मिलने की जिद पर परिजन अड़ गए तब अस्पताल प्रबंधन ने मिलने नहीं दिया. ना ही अस्पताल से छुट्टी देने की बात कही. जोर देने पर ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने कहा कि मरीज की स्थिति ठीक नहीं है.अचानक अस्पताल प्रबंधन के द्वारा कहा गया कि आज सुबह मरीज की मौत हो गयी है.
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परिजनों का आरोप बेबुनियाद
वहीं पारस अस्पताल प्रबंधन के डॉ नीतेश ने कहा कि मरीज़ पिछले 1 महीने से वेंटिलेटर पर थे. उसकी स्थिति में धीरे-धीरे सुधार भी हो रहा था. लेकिन शुक्रवार की देर रात अचानक उसे हार्ट अटैक आया और मरीज की मौत हो गई. उन्होंने परिजनों के आरोप को निराधार बताते हुए कहा कि अस्पताल प्रबंधन की तरफ से साढ़े चार लाख का बिल बताया गया है. जिसमें अभी भी परिजन ने एक लाख रुपए जमा नहीं किये हैं. इसकी सूचना जिला प्रशासन को भी दे दी गई है.