Lucknow : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव पांचवें चरण में पहुंच चुका है. कल रविवार को राज्य के 12 जिलों की 61 सीटों पर वोट डाले जायेंगे. राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने जानकारी दी कि पांचवें चरण के मतदान की तैयारी पूरी कर ली गयी है. सुबह सात बजे से शाम 6 बजे तक वोट डाले जायेंगे बताया कि स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी तरीके से मतदान सम्पन्न कराने के लिए आवश्यक व्यवस्था के निर्देश दिये गये हैं.
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पांचवें चरण में 692 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं
पांचवें चरण में सुलतानपुर, चित्रकूट, प्रतापगढ़, कौशांबी, प्रयागराज, बाराबंकी, अयोध्या, बहराइच, श्रावस्ती, गोंडा, अमेठी और रायबरेली जिले में मतदान होना है. जान लें कि शुक्रवार की शाम छह बजे इन 12 जिलों की 61 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव प्रचार थम गया. पांचवें चरण में 692 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, जिनकी राजनीतिक तकदीर का फैसला करीब 2.24 करोड़ मतदाता करेंगे.
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कौन-कौन से मुख्य चेहरे हैं मैदान में
प्रतापगढ़ के कुंडा से चुनाव जीत रहे रघुराज प्रताप सिंह इस बार अपनी जनसत्ता पार्टी के टिकट पर परंपरागत सीट पर चुनाव मैदान में हैं. प्रतापगढ़ जिले में ही अपना दल (कमेरावादी) की अध्यक्ष कृष्णा पटेल समाजवादी गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में भाजपा को टक्कर दे रही हैं. विधानसभा में कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा, मोन भी रामपुर खास सीट से किस्मत आजमा रही हैं. अमेठी की पूर्व रियासत के मुखिया संजय सिंह अमेठी में इस बार भाजपा से उम्मीदवार हैं.
राज्य के मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह प्रतापगढ़ जिले की पट्टी से, मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह प्रयागराज जिले की पश्चिम विधानसभा सीट से, मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी इसी जिले की दक्षिण सीट से, राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय चित्रकूट विधानसभा सीट से किस्मत आजमा रहे हैं. गोंडा सदर से ब्रजभूषण शरण सिंह के बेटे प्रतीक भूषण चुनावी मैदान में हैं. वहीं गोसाईंगंज में खब्बू तिवारी की पत्नी आरती तिवारी और अभय सिंह के बीच भिडंत है.
61 में से 47 सीटों पर भाजपा का है कब्जा
पांचवें चरण का चुनाव सपा-बसपा के साथ-साथ भाजपा के लिए भी काफी अहम हैं. भाजपा पर जहां पुरानी जीत कायम रखने की चुनौती है, वहीं सपा-बसपा उससे आगे निकलने के प्रयास में है. भाजपा ने 2017 में इस चरण की 61 में से 47 सीटें जीती थी. सपा ने 2012 चुनाव में 41 सीटों पर परचम लहराया था. 2017 में सपा के लिए यह चरण काफी खराब रहा. पिछले चुनाव में उसे इन जिलों में मात्र पांच सीटें मिली थीं. बसपा मात्र तीन सीटों पर ही जीती थी.
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