Search

राज्यपाल के निर्देशों का उल्लंघन कर रहे हैं VC दिनेश सिंह

Ranchi: राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने विश्वविद्यालयों में प्रशासनिक सुधार के लिए एक व्यक्ति एक पद को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है. लेकिन नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय के VC दिनेश कुमार सिंह ने राज्यपाल के दिशा निर्देश का उल्लंघन करते हुए एक एक व्यक्ति को कई कई पद दे रखा है. सिर्फ इतना ही नहीं वित्त पदाधिकारी (FO) प्रभार देने के लिए राज्यपाल से अनुमति भी नहीं ली है. दिनेश कुमार सिंह रांची विश्वविद्यालय और विनोबा भावे विश्वविद्यालय में प्रभारी कुलपति के रूप में काम करने के दौरान कई तरह के कारनामों को अंजाम दे चुके हैं.

 

राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों में प्रशासनिक सुधार के लिए एक व्यक्ति एक पद के फॉर्मूले को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है. लेकिन नीलांबर पीतंबर विश्वविद्यालय के VC राज्यपाल के इन दिशा निर्देश को नहीं मान रहे हैं. उन्होंने मनोरमा सिंह, बिमल कुमार सिंह को एक से अधिक पद दे रखा है. 

 

मनोरमा सिंह हिंदी की व्याख्याता हैं. VC ने उन्हें चार-चार पद दे रखा है. मनोरमा सिंह के पास Faculty Of Humanities के Dean का प्रभार है. इसके अलावा उनके पास CCDC का प्रभार है. इसके अलावा वह 70-75 किलोमीटर दूर स्थित लातेहार महिला महाविद्यालय की Principle भी हैं. 

 

इसी तरह बिमल कुमार सिंह के पास भी कई प्रभार हैं. वह अंग्रेजी के व्याख्याता हैं. उनके पास PG अंग्रेजी विभाग के विभागाध्यक्ष का प्रभार है. इसके अवाला वह वित्त पदाधिकारी का भी काम कर रहे हैं. वित्त पदाधिकारी का पद प्रशासनिक है. इस पद पर JPSC के माध्यम से नियुक्ति होती है. 

 

विशेष परिस्थिति में वैकल्पिक व्यवस्था के तहत FO के रूप में किसी से काम लेने के लिए राज्यपाल की अनुमति लेनी होती है. इस पद पर कार्यरत रहने की अधिकतम उम्र सीमा 60 साल निर्धारित है. बिमल कुमार सिंह के वित्त पदाधिकारी के रूप में काम लेने के लिए राज्यपाल से अनुमति नहीं ली गयी है. इसके अलावा उनकी उम्र भी 60 साल से अधिक हो चुकी है.

 

नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय के VC को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत रांची और विनोबा भावे विश्वविद्यालय के VC का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था. इन दोनों ही विश्वविद्यालयों में प्रभारी कुलपति के रूप में काम करने के दौरान उन्होंने कई तरह के कारनामों को अंजाम दिया था. इसमें टेंडर रद्द करना, गाड़ी का निजी इस्तेमाल करना शामिल है. 

 


इसके अलावा उनपर खूंटी में एक कॉलेज के प्रिंसिपल पर मनपसंद व्यक्ति को फर्नीचर आपूर्ति के लिए आदेश देने के लिए दबाव डालने का भी आरोप है. राज्यपाल को इससे संबंधित शिकायत मिलने के बाद उन्हें रांची विश्वविद्यालय के VC के पद से हटा दिया गया था.

Lagatar Media की यह खबर आपको कैसी लगी. नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपनी राय साझा करें.

Comments

Leave a Comment

Follow us on WhatsApp