New Delhi : देश से अरबों रुपयों लूट कर विदेश भाग जाने वाले भगौड़े विजय माल्या, नीरव मोदी सहित अन्य आर्थिक अपराधियों को भारत लाने का कोशिशें भारत सरकार ने तेज कर दी है. नीरव मोदी का मामला ब्रिटेन की अदालत में चल रहा है. यह केस फाइनल स्टेज में है.
Britain's Crown Prosecution Service inspects Tihar jail as India intensifies efforts to extradite fugitives
— ANI Digital (@ani_digital) September 6, 2025
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सूत्रों के अनुसार ब्रिटेन की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (CPS) की टीम ने पिछले जुलाई माह में तिहाड़ जेल का दौरा किया था. टीम में पांच सदस्य शामिल थे.
CPS के दौरे का मकसद ब्रिटेन की अदालतों को विश्वास दिलाना था कि भारत में प्रत्यर्पित किये जाने पर आरोपियों को तिहाड़ जेल में सुरक्षित और बेहतर माहौल मिलेगा. जान लें कि इससे पूर्व ब्रिटेन की अदालतों ने तिहाड़ जेल की स्थिति ठीक नहीं होने को लेकर कई मामलों में भारत सरकार की प्रत्यर्पण याचिकाएं रद्द कर दी हैं.
इस वजह से अब भारत सरकार फूंक फूंक कर कदम उठा रही है. सरकार की एजेंसियों ने ब्रिटेन की अदालत को आश्वासन दिया है कि किसी भी आरोपी के साथ जेल में मारपीट नहीं की जायेगी. उनसे गैरकानूनी पूछताछ नहीं की जायेगी.
खबरों के अनुसार ब्रिटेन से आयी CPS की टीम ने तिहाड़ जेल की हाई-सिक्योरिटी वार्ड का निरीक्षण किया. वहां के कैदियों से बातचीत की. जेल के अधिकारियों ने टीम को आश्वासन दिया कि अगर जरूरत पड़ी तो जेल परिसर में एक खास एन्क्लेव बनायेंगे, जहां विजय माल्या, नीरव मोदी आदि हाई-प्रोफाइल आरोपी सुरक्षित रहेंगे.
यह जानना अहम है कि भारत द्वारा लगभग 178 प्रत्यर्पण के अनुरोध विदेशों में लंबित हैं. 20 मामले सिर्फ ब्रिटेन में लंबित हैं. ये मामले विजय माल्या, नीरव मोदी, संजय भंडारी सहित कुछ खालिस्तानी नेताओं से जुड़े हुए हैं.
CPS की टीम के दौरे का अहम पहलू ब्रिटेन की अदालतों को यह विश्वास दिलाना है कि भारत प्रत्यर्पित आरोपियों को मानवाधिकारों के अनुरूप सुविधाएं मुहैया करायेगा.
बता दें कि विजय माल्या और नीरव मोदी पर भारत में धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग सहित आपराधिक साजिश रचने के आरोप हैं. दोनों बैंक लोन डिफॉल्टर हैं.
किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक विजय माल्या ने भारतीय बैंकों से लिये गये लगभग 9,000 करोड़ रुपये का लोन अदा नहीं किया है. जानकारी के अनुसार 2020 में ब्रिटेन की अदालत ने माल्या ते प्रत्यर्पण पर मुहर तो लगा दी था, लेकिन एक गोपनीय कानूनी प्रक्रिया के कारण अब तक वह बचे हुए हैं.
नीरव मोदी की बात करें तो उसका मामला पंजाब नेशनल बैंक घोटाले से जुड़ा हुआ है. उसने 14,000 करोड़ रुपये का घोटाला किया है. 2019 में लंदन में गिरफ्तार होने के बाद 2021 में ब्रिटेन की अदालत ने उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी. लेकिन विभिन्न कारणों से उसका प्रत्यर्पण अभी तक रुका हुआ है.
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