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गढ़वा में SC के निर्देश का उल्लंघन, आनन-फानन में 33 कोरवा परिवारों का बना PH राशन कार्ड

Pravin Kumar Garhwa: जिले के बड़गड़ प्रखंड के टेहरी पंचायत के 33 कोरवा परिवारों का प्रशासन ने पीएच राशन कार्ड बना दिया है. लगातार डॉट इन ने आदिम जनजातियों का राशन कार्ड डिलीट किये जाने के मामले को “33 कोरवा आदिम जनजाति परिवारों को मृत बताकर राशन कार्ड कर दिया डिलीट, 15 महीने से नहीं मिला राशन” शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी. मामला प्रकाश में आने के बाद मंत्री चंपाई सोरेन ने गढ़वा डीसी को ट्वीट कर पीड़ितों को अविलंब मदद करने का निर्देश दिया था. इसके बाद अधिकारियों ने अनन- फनन में सभी 33 कोरवा परिवारो का पीएच राशन कार्ड बना दिया. जबकि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार, आदिम जनजाति परिवारों का अंत्योदय योजना का कार्ड बनाया जाना चाहिए. [caption id="attachment_236490" align="aligncenter" width="1280"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2022/02/ahaar-portal.jpg"

alt="" width="1280" height="719" /> आहार पॉर्टल पर जारी किया गया कोरवा परिवारों का नाम[/caption] भोजन का अधिकार अभियान के अशर्फी नंद प्रसाद ने कहा कि आदिम जनजातियों का पीएच राशन कार्ड बनाया जाना सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का सीधा उल्लंघन है. आदिम जनजाति का अंत्योदय योजना के तहत कार्ड बनाया जाना चाहिए. वहीं कोरवा परिवारों का राशन कार्ड डिलीट करने वाले दोषी अधिकारियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए. इस शीर्षक से छपी थी खबर- 33">https://lagatar.in/33-korwathe-ration-card-was-deleted-by-telling-the-primitive-tribe-families-to-be-dead-ration-not-received-for-15-months/">33

 कोरवा आदिम जनजाति परिवारों को मृत बताकर राशन कार्ड कर दिया डिलीट, 15 महीने से नहीं मिला राशन
कोरवा परिवारों का पीएच राशन कार्ड बनाये जाने को लेकर गढ़वा जिला आपूर्ति पदाधिकारी विजेंद्र कुमार से संपर्क करने का प्रयास किया गया. लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी. उनका पक्ष आने के बाद उसे भी लगातार न्यूज प्रकाशित करेगा. [pdfjs-viewer url="https://lagatar.in/wp-content/uploads/2022/02/pravin.pdf"

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बड़ा सवाल कौन करेगा नुकसान की भरपाई

टेहरी पंचायत के हेसातु और कोरवाडीह गांव के 33 आदिम जनजाति कोरवा परिवारों को मृत बताकर पिछले साल नवंबर 2020 से जनवरी 2022 तक यानी कुल 15 महीने का कुल राशन 17,325 किलोग्राम का घोटाला किया गया. इनमें चीनी 495 किलोग्राम, नमक 495 किलोग्राम और 495 लीटर किरासन तेल नहीं दिया गया. इसकी भरपाई कौन करेगा यह बड़ा सवाल है. मामला सामने आने के बाद अधिकारियों ने अनन-फनन में पीएच राशन कार्ड बना दिया. इसे भी पढ़ें-पीएम">https://lagatar.in/pm-modi-dedicated-216-feet-high-statue-of-equality-to-the-nation/">पीएम

मोदी ने देश को समर्पित किया 216 फीट ऊंचा Statue Of Equality

क्या है सर्वोच्च न्यायालय का आदेश

सर्वोच्च न्यायालय ने पीयूसीएल बनाम भारत सरकार, याचिका संख्या 196/2001 के मामले में 2 मई 2003 केस में सरकार को मिले निर्देश के अनुसार, सभी आदिम जनजाति परिवारों को अंत्योदय योजना में शामिल किया जाना है. इसके बावजूद आदिम जनजातियों का पीएच राशन कार्ड बनाया गया है. जिसमें प्रति यूनिट पांच किलो राशन दी जाती है. जबकि अंत्योदय योजना में 35 किलो राशन दिया जाता है.  राशन कार्ड डिलीट करने वाले दोषी अधिकारी कौन हैं सरकार उस पर क्या कर्रावाई करती है यह देखने वाली बात होगी. [wpse_comments_template]  

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