Ranchi : 10 जून को जुमे के नमाज के बाद रांची के मेन रोड में हुई हिंसा अब राजनीति रूप लेती जा रही है. आरोप प्रत्यारोप के बीच पोस्टर लगाने और हटाने का मामला तुल पकड़ता दिख रहा है. बता दें कि पोस्टर लगाने के बाद रांची एसएसपी सुरेंद्र झा से गृह सचिव ने स्पष्टीकरण मांगी है. एसएसपी से स्पष्टीकरण मांगे जाने को लेकर भाजपा के मुख्य सचेतक और विधायक विरंचि नारायण ने सवाल खड़े किये हैं. विरंची नारायण ने कहा है कि रांची में पत्थरबाजों के होर्डिंग-फोटो लगाने पर और केवल वोट की राजनीति और मुस्लिम तुष्टीकरण के लिए सरकार पुलिस के सीनियर अफसरों का मनोबल गिरा रही है. पदाधिकारी का इस प्रकार मनोबल तोड़ना कतई उचित नहीं है. इसे पत्थरबाजों के हौसले बुलंद होंगे. जो समाज के लिए कहीं से भी उचित नहीं है. पढ़ें – राहुल गांधी पर ED की कार्रवाई से नाराज झारखंड कांग्रेस का राजभवन घेराव, लोकतंत्र हनन का लगाया आरोप
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उत्तर प्रदेश सरकार की कार्यशैली को अपनायेगी झारखंड सरकार
वहीं उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार द्वारा जिस उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद हाई कोर्ट के जजमेंट का हवाला दिया जा रहा है, वह केवल रिफरेंशियल हो सकता है झारखंड में बाध्यकारी नहीं है. भाजपा विधायक विरंची नारायण ने सरकार से पूछा है कि क्या उपद्रव और हिंसा के विरुद्ध उत्तर प्रदेश सरकार की कार्यशैली को अपनायेगी झारखंड सरकार ? साथ ही क्या गृह विभाग के प्रधान सचिव को एसएसपी सरीखे अधिकारी को डायरेक्ट शो-कॉज पूछना प्रोटोकॉल और विभागीय विहित प्रक्रिया के अनुरूप है ?
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